कांग्रेस नेताओं ने छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव में बिहार जैसी साजिश होने का आरोप लगाया है। वहीं बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस नेताओं को झूठा बताया है।
अब पढ़े एसआईआर क्या है
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानि व्यापक पुनरीक्षण के दौरान नई मतदाता सूची तैयार करने के लिए प्रत्येक घर में जाकर गणना की जाती है। इस प्रक्रिया में मौजूदा मतदाता सूचियों को आधार नहीं बनाया जाता, बल्कि गणनाकर्मी घर-घर जाकर एक निर्धारित तिथि के अनुसार पात्र मतदाताओं की सूची तैयार करते हैं।
यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब चुनाव आयोग यह महसूस करता है कि वर्तमान मतदाता सूचियों में भारी त्रुटियां हैं या उन्हें पूरी तरह से बदले जाने की आवश्यकता है।
ऐसा आमतौर पर बड़े चुनावों से पहले या फिर निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन जैसी महत्वपूर्ण प्रशासनिक गतिविधियों के बाद किया जाता है। बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने इसे लागू किया था।
पढ़े पूर्व मंत्री भगत ने क्या कहा
कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ सरकार में पूर्व खाद्य मंत्री रहे अमरजीत सिंह भगत ने एक बड़ा बयान देते हुए दावा किया है कि बिहार में करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं।
उन्होंने आशंका जताई कि 2028 में छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव में बीजेपी बिहार जैसा षडयंत्र कर सकती है। पूर्व मंत्री ने सभी को सतर्क रहने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा की ऐसी किसी भी मंसूबे में सफल नहीं होने देंगे।
पढ़े पूर्व मंत्री के आरोप पर डिप्टी CM क्या बोले
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के बयान पर डिप्टी सीएम अरूण साव ने पलटवार किया है। डिप्टी सीएम साव ने कहा, कि कांग्रेस पार्टी का ये दुर्भाग्य है। अपनी गिरेबान में झांकने के बजाय, वो आरोप लगा रहे है। जनता उनसे दूर जा रही है, क्योंकि जनता को उन्होंने ठगने का काम किया है।
आत्म अवलोकन के बजाय संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर वो सवाल उठा रहे है। इनके सबसे बड़े नेता को बार-बार न्यायालय से फटकार लग रही है। वो चुनाव आयोग की चिट्ठियों का जवाब नहीं दे रहे और भाग रहे है। झूठ बोलना, भ्रम फैलाना इनकी आदत है।