याचिकाकर्ता गोविंद केडिया ने सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी के माध्यम से जमानत याचिका लगाई थी। बीते 24 जुलाई 2025 को सुनवाई के दौरान केडिया की तरफ से कहा गया कि उसे झूठे आरोप में फंसाया गया है।
साथ ही यह दलील दी जा रही है कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। ED ने केवल आरोपियों के बयान के आधार पर उसे आरोपी बनाया है और उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है।
ED ने जमानत का किया विरोध, कहा- प्रमोटर रहा है आरोपी
ED ने जमानत का विरोध किया। साथ ही कहा कि केडिया ने घोटाले में उसने अहम भूमिका निभाई है। ED की तरफ से बताया गया कि गोविंद केडिया महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटरों में से एक है। केस के मुख्य आरोपी विकास छापरिया से उसका सीधा संबंध है।
उसने सट्टा ऐप के जरिए काले धन को वैध बनाने में अहम भूमिका निभाई है। बता दें कि 7 दिसंबर 2024 को ED ने केडिया को रायपुर स्थित विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे रिमांड पर भेजा गया था।
मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई। इससे पहले कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर मंगलवार (5 अगस्त) को आदेश जारी किया गया है।