इसे लेकर जनपद उपाध्यक्ष राकेश हिरवानी के नेतृत्व में 11 सदस्यों ने CEO के कथन का विरोध किया और कलेक्टर से लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। राकेश हिरवानी ने कहा कि इस पर अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर कलेक्टर ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही।
वहीं, इन आरोपों पर जनपद सीईओ रूपेश पांडे ने कहा कि आरोप के कोई साक्ष्य हो तो दिखाए। बिना साक्ष्य के कथन कहना उचित नहीं।
जनपद CEO और विधायक पर मिलीभगत का आरोप
वहीं, जनपद सदस्यों ने दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर पर राशि के बंदर बाट का आरोप भी लगाया है। विधायक ललित चंद्राकर ने इन आरोपों पर कहा कि पैसे आवंटन का विशेष अधिकार अध्यक्ष का होता है। कोई इस मामले में दखल नहीं देता। कांग्रेस का काम है आरोप लगाना।
दुर्ग जनपद के उपाध्यक्ष राकेश हिरवानी ने कहा कि पिछले कार्यकाल के 76 लाख और वर्तमान में 15वें वित्त आयोग के एक करोड़ 59 लाख रुपए की राशि का बंदरबांट हुआ है।
उन्होंने बताया कि जनपद पंचायत के भाजपा समर्थित 13 जनपद सदस्यों द्वारा 15वें वित्त की राशि बहुमत के आधार पर अपने ही क्षेत्र के लिए आवंटित कर लिया गया। इस आबंटन का जनपद सीईओ रूपेश पांडे ने परिपालन किया।
’60 प्रतिशत गांवों को विकास कार्यों से वंचित’
आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्ग ब्लॉक के दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के 76 ग्राम पंचायतों के तहत कांग्रेस समर्थित 11 जनपद सदस्य 38 पंचायतों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
13 भाजपा समर्थित जनपद सदस्य अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इस प्रकार से दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के 60 प्रतिशत गांवों को विकास कार्यों से वंचित कर दिया गया है।