रायपुर. स्वच्छता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर से अपना परचम लहराया है. छत्तीसगढ़ को स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए गुरुवार को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरूण साव को पुरस्कार प्रदान किया.
इस अवसर पर नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजू एस. सहित प्रदेश के कई नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि, अधिकारी, संभागीय व जिला समन्वयक तथा स्वच्छता दीदियां भी समारोह में शामिल रहीं. केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में अच्छे प्रदर्शन के लिए राज्य के पांच नगरीय निकाय रायपुर, पाटन, कुम्हारी, महासमुंद और आरंग को भी राष्ट्रीय अवार्ड मिला है.
गौरतलब है कि केन्द्रीय आसवन एवं शहरी मंत्रालय द्वारा विश्व का सबसे बड़ा स्वच्छ सर्वेक्षण देश में कराया जा रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य ने स्वच्छता के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की और राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड हासिल किए हैं. वर्ष 2017 में ही छत्तीसगढ़ ओडीएफ राज्य होने की गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल कर चुका है. इसके साथ ही राज्य में तीन लाख निजी शौचालयों का निर्माण पूरा कराये जाने की उपलब्धि भी राज्य ने हासिल की थी. राज्य में स्वच्छता के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 10 हजार स्वच्छता दीदियों के माध्यम से मिशन क्लीन सिटी शुरू की गई थी. स्वच्छता क्रियान्वयन के बेहतर परिणाम के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को इंदौर में पुरस्कृत किया गया था.
छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2014 से 2017 के दौरान स्वच्छता को लेकर जो नीतियां बनायी गई और कई परियोजनाएं शुरू की गई थी, जिसके चलते राज्य में स्वच्छता को स्थायी तौर पर आगे बढ़ाने में मद्द मिली है. छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा अभिनव प्रयोग करते हुए स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण के लिए सुविधा-24 योजना शुरू की गई. निर्मित सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों के संचालन और संधारण के लिए स्वच्छता श्रृंगार योजना प्रारंभ की गई थी.
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में स्वच्छता को लोगों की आदत में शामिल करने और इसे स्थायी रूप से व्यवहार में लाने के लिए कचरा प्रबंधन, निजी, सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का निर्माण एवं प्रबंधन, सफाई मित्रों की सुरक्षा, कचरा मुक्त शहर, ओडीएफ तथा सेप्टिक टैंक के अवशेष के निपटान पर विशेष से फोकस किया गया, जिसके चलते राज्य में स्वच्छता को सतत् रूप से आगे बढ़ाने में मद्द मिली है.