महासमुंद। सावन के कृष्ण पक्ष अमावस्या को छत्तीसगढ़ के किसानों का सबसे बड़ा पर्व ‘‘ हरेली‘‘ कल सोमवार 20 जुलाई को मनाया जाएगा। शहरों ओर ग्रामीण क्षेत्रों में हरेली की धूम नजर आयेगी। इस पर्व में कोविड-19 के चलते कुछ फर्क पड़ सकता है। लेकिन कल सोमवार का दिन किसान, गो-पालको के लिए ऐतिहासिक एवं यादगार होगा। इसी दिन छत्तीसगढ़ की महत्पूर्ण ‘‘गोधन न्याय योजना‘‘ की शुरूआत होगी। हरेली पर्व पर छत्तीसगढ़ किसान अपनी खेती में उपयोग होने वाले औजारों की पूजा करते है, वही घरों में छत्तीसगढ़ पकवान भी बनाये जाते है। साथ ही किसान अपने-अपने कुल देवताओं की पूजा-अर्चना करते है। इस दिन बच्चों और युवाओं में भी बड़ा उत्साह देखा जाता है । वे गेड़ी चढ़ने का आनंद लेते है।
आबकारी, उद्योग एवं प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा जिले में महासमुंद जिले के ग्राम कछारडीह से ‘‘गोधन न्याय योजना‘‘ का शुभारंभ करेंगे। जिले की 76 गोठानों में दो रूपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जायेगी। घर से दिये जाने वाले गोबर की कीमत परिवहन काट कर दी जायेगी। जिले में 241 गौठान स्वीकृत है। जिसमें से 103 बन कर तैयार है। शेष निर्माणाधीन है। लोकसभा सांसद एवं जिले के क्षेत्रीय विधायक अपनी सुविधानुसार समय पर गौठानों में योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना से पशुपालकों की आय में इजाफा होगा । गोपालक अपने इच्छा से गौठान में जाकर या अपने घर से गोबर बेच सकते है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पशुओं के खुले में चरने में रोक लगेगी। इससे किसानों की फसल को नुकसान भी नहीं होगा ।
मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री भूपेश बधेल ने हरेली 2019 को उत्सव के रूप में मनाया । मुख्यमंत्री ने श्री बघेल ने ‘‘हरेली‘‘ पर्व पर छुट्टी की घोषणा की। यह पहला मौका था जब हरेली के उत्सव में ग्रामीणों व किसानों के हर कोई शामिल हुआ। छत्तीसगढ़ राज्य में त्यौहारों की शुरूआत ‘‘हरेली‘‘ पर्व से होती है। इसी दिन छत्तीसगढ़ के किसान खेती में उपयोग होने वाले औजारों की पूजा करते है। गाय-बैलों की भी पूजा की जाताी है। इस दिन गैड़ी सहित अन्य तरह के पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाता है। शहरों और ग्रामीण लोग अपने-अपने घरों के दरवाजों पर नीम की पत्ती, लगाते है। ऐसी मान्यता है कि बारिश में संक्रमण न फैलीे इसे लिए नीम की पत्ती लगाते हे।