बघेल ने कहा कि धर्म पूछ-पूछकर हत्याएं की गईं, कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया और घोड़ा चला रहे लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर पर्यटकों को बचाया। उन्होंने कहा कि झीरम घाटी की तरह पहलगाम में भी सुरक्षा नहीं थी। झीरम में 33 लोग मारे गए थे, पहलगाम में 26 लोग मारे गए।
उन्होंने कहा कि इस हमले में भी पुलिस और अर्धसैनिक बल मदद के लिए सामने नहीं आए। इस घटना ने झीरम की याद ताजा कर दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने इस घटना की निंदा की, शोक व्यक्त किया और केंद्र को समर्थन देने की बात कही, लेकिन भाजपा की सोशल मीडिया टीम ने केवल ‘धर्म पूछकर मारा’ को ही मुख्य मुद्दा बना दिया।
बघेल ने सवाल उठाया कि हमले के समय सहायता क्यों नहीं पहुंची? इसका जिम्मेदार कौन है? इंटेलिजेंस फेलियर का जिम्मेदार कौन है?