नई सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके लिए तहसीलों के साथ ही पंजीयन विभाग के अफसरों को भी जिम्मेदारी दी गई है। अफसर हर रोज दोपहर 12 बजे तक फील्ड में रहते हैं। इस वजह से जमीन रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सुबह 10 से 12 बजे तक नहीं दिया जा रहा है। अफसरों के 12 बजे के बाद दफ्तर आने की वजह से अप्वाइंटमेंट दोपहर बाद ही मिल रहा है। इससे लोग खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि रजिस्ट्री कराने वाले कई बार बुजुर्ग भी होते हैं।
महिलाओं के नाम पर ज्यादा रजिस्ट्री होती है। ऐसे में उन्हें भरी दोपहरी में दफ्तर आना पड़ रहा है। जमीन की कीमत तय करने सर्वे में पटवारी, तहसीलदारों के साथ ही पंजीयन विभाग के सभी उपपंजीयकों को भी काम में लगाया गया है। बताया जा रहा है कि रायपुर ही नहीं राज्यभर के पंजीयन कार्यालयों में पिछले एक हफ्ते से सुबह 10 से 12 बजे तक रजिस्ट्री नहीं की जा रही है।
पंजीयन दफ्तर खुलने के बाद भी दोपहर 12 बजे से ही रजिस्ट्री का काम शुरू किया जाता है। सुबह रजिस्ट्री नहीं करने के बावजूद अफसरों ने शाम का समय नहीं बढ़ाया है। ऐसे में दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक ही रजिस्ट्री हो पा रही है। कार्यालयीन समय के बाद किसी को भी रजिस्ट्री का समय नहीं दिया जा रहा है। रायपुर पंजीयन कार्यालय में अभी पांच उपपंजीयक है। एक घंटे में करीब 50 रजिस्ट्रियां होती हैं। समय कम होने की वजह से रोज होने वाले रजिस्ट्रियों की संख्या भी कम हो रही है।