
हालात यह है कि ठगी से जुड़ी रकम किसी भी खाते में आते ही पुलिस उस बैंक खाते को सीधे सीज कर रही है। भले ही राशि जानबूझकर आई हो या ठगों की धोखाधड़ी से पहुंची हो। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के थानों और साइबर सेल में ऐसे 50 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
केस- 1
साइबर सेल से मेल आने के बाद अकाउंट हुआ बंद
न्यू राजेंद्र नगर में रहने वाली कारोबारी (बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर) दिव्या ने बताया कि उनका सिविल लाइन स्थित ICICI बैंक में अकाउंट है। उन्होंने कहा कि खाते से ट्रांजैक्शन एक साल पहले बंद हो गया था। जब मैंने बैंक जाकर जानकारी ली।
मैनेजर ने बताया कि साइबर सेल से मेल आने के बाद आपका अकाउंट बंद कर दिया गया है। किस जिले की साइबर सेल से मेल आया था, यह जानकारी भी बैंक मैनेजर नहीं दे सके। मैंने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन वहां से भी कोई सहायता नहीं मिली।
इसके बाद मैंने न्यायालय में आवेदन लगाया है। अकाउंट पिछले एक साल से बंद है। जबकि इसी अकाउंट से मेरी किस्त कटती है। एक साल से मुझे पेनल्टी देकर किस्त भरनी पड़ रही है। अकाउंट में मौजूद पैसा ब्लॉक है और अभी तक किसी भी प्रकार का समाधान नहीं मिल पाया है।
केस- 2
सैलरी अकाउंट बंद कर दिया, अब पैसा भी नहीं निकल रहा
कोतवाली इलाके में रहने वाली मिक्की (परिवर्तित नाम) ने बताया कि वह प्राइवेट जॉब करती हैं। उन्होंने कहा कि मेरा सैलरी अकाउंट है। मेरे में मोबाइल में कल (2 दिसंबर) मैसेज आया कि अकाउंट ब्लाक हो गया है। मैंने बैंक से पता किया तो उन्होंने बताया कि 11 हजार रुपए का एमाउंट सस्पेक्टेड है।
बैंक ने बिना मेरी इजाजत इस एमाउंट को अकांउट से ब्लॉक कर दिया। एमाउंट कम होने पर ट्रांजैक्शन रुका है। सस्पेक्टेड एमाउंट कहां से आया? इसकी जानकारी बैंक ने दी है, लेकिन राहत कैसे मिलेगी? ये जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। मेरे अकाउंट में मेरे परिजनों ने पैसे दिए थे, अब इस पैसे को मैं निकाल नहीं पा रही हूं।
केस- 3
21 हजार एमाउंट के लिए 20 लाख से ज्यादा फंसे
इसी तरह गंज इलाके में तुषार (परिवर्तित नाम) ने बताया कि उनका एक गारमेंट शॉप है। उन्होंने कहा कि रोजाना ग्राहक फोनपे और पेटीएम के माध्यम से भुगतान करते हैं, लेकिन पिछले पांच महीनों से मेरा बैंक अकाउंट ब्लॉक है। लगातार बैंक के चक्कर लगा रहा हूं, पर वे स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं।
बैंक कर्मचारियों का कहना है कि 21 हजार का एमाउंट सस्पेक्टेड मेरे खाते में आया था, जिसके बाद पुलिस की ओर से मेल भेजे जाने पर खाता सीज कर दिया गया है। लेकिन किस पुलिस विभाग ने मेल भेजा है, यह जानकारी भी नहीं दी जा रही। 21 हजार के कारण मेरे 20 लाख रुपए से अधिक फंस गए हैं।