
जारी आदेश के मुताबिक, प्राथमिक स्कूल में पहली पाली की क्लासेज सुबह 8 बजे से शुरू होंगी। वहीं, हायर सेकेंडरी की दूसरी पाली की क्लास दोपहर 12 बजे लगेंगी। नई टाइमिंग तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और यह 15 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगी।
छोटे बच्चों से लेकर हायर सेकेंडरी तक के छात्रों को राहत
कलेक्टर के जारी आदेश में कहा गया है कि जिले में ज्यादा ठंड और शीतलहर की वजह से खासतौर पर छोटे बच्चों और हाई स्कूल–हायर सेकेंडरी कक्षाओं के विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।
सुबह की पहली घंटियों में कड़ाके की ठंड के कारण बच्चों के बीमार पड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए सुबह की पाली को आगे बढ़ाने और दूसरे शिफ्ट को संतुलित करने का निर्णय लिया गया है।
दो पाली वाले स्कूलों के लिए नई व्यवस्था
पहली पाली (प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक कक्षाएं)
- सोमवार से शुक्रवार : सुबह 08:00 बजे से 11:45 बजे तक
- शनिवार: दोपहर 12:15 बजे से शाम 04:15 बजे तक
दूसरी पाली (हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी कक्षाएं)
- सोमवार से शुक्रवार: दोपहर 12:00 बजे से शाम 04:45 बजे तक
- शनिवार : सुबह 08:00 बजे से 11:45 बजे तक
एक पाली वाले स्कूलों के समय में भी बदलाव
दो पाली वाले स्कूलों के साथ-साथ एकल पाली में संचालित होने वाले विद्यालयों के समय में भी संशोधन किया गया है। एक पाली वाले सभी स्कूल अब सुबह 10:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक संचालित होंगे। वहीं शनिवार को सुबह 8 बजे से 12 बजे तक स्कूल संचालित होंगे।
जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि बदली हुई समय-सारणी का कड़ाई से पालन किया जाए। साथ ही मौसम खराब होने की स्थिति में परिवहन व्यवस्था, उपस्थिति और सुरक्षा से संबंधित आवश्यक सतर्कता बरतने के भी निर्देश दिए गए हैं।
लगातार हो रही थी मांग
अभिभावकों ने भी प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से सुबह के समय तापमान काफी नीचे जा रहा था और बच्चों के स्कूल जाने में मुश्किलें बढ़ रही थीं। ऐसे में समय परिवर्तन से निश्चित रूप से राहत मिलेगी।
बता दें कि स्कूल शिक्षा मंत्री से लगातार इस संबंध में मांग की जा रही थी। जिसे देखते हुए दुर्ग कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है। मौसम को देखते हुए यह निर्देश आगे बी बढ़ाया जा सकता है।
मौसम विभाग ने बीते कुछ दिनों में तापमान में भारी गिरावट की चेतावनी दी थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों के समय में बदलाव को आवश्यक माना।
आदेश के मुताबिक, यह व्यवस्था जिले के सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों शासकीय, अशासकीय, निजी, बीएसपी, सीबीएसई और अन्य बोर्ड पर समान रूप से लागू होगी।