छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने की स्कूल फीस वसूली पर रोक लगाने की मांग

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रायपुर। छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 प्रदेश में 28 सितंबर से प्रभावशील हो गया है और इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रायवेट स्कूलों में फीस का निर्धारण अब विद्यालय फीस समिति करेगी। अधिनियम की धारा 10 की उपधारा 1 एवं 7 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि इस अधिनियम के लागू होने के पूर्व से संचालित प्रायवेट विद्यालय एक माह के भीतर फीस अनुमोदन हेतु प्रस्ताव विद्यालय फीस समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगी और विद्यालय फीस समिति प्रस्ताव प्राप्त होने के पश्चात एक माह के भीतर सभी दस्तावजों और अभिलेखों का परीक्षण करने और सभी अभ्यावेदनों पर विचार करने के पश्चात फीस निर्धारित करेगी।

छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि अब छत्तीसगढ राज्य में एक अधिनियम प्रारंभ हो चुका है, जिसके प्रावधानों के अनुसार फीस का निर्धारण किया जाना है, इसलिए जब तक इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार समितियों का गठन नहीं हो जाता और जब तक इन समितियों के द्वारा फीस का निर्धारण नहीं किया जाता, तब तक प्रदेश के प्रायवेट स्कूलों को फीस वसूली करने से तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए। यदि प्रायवेट स्कूलों को फीस वसूली करने से रोका नहीं जाता है तो यह अधिनियम का स्पष्ट रूप से उल्लघंन होगा।
श्री पॉल ने बताया कि प्रायवेट स्कूलों को फीस वसूली करने से रोकने के लिए उनके द्वारा इस अधिनियम के समिति के अध्यक्ष स्कूल शिक्षा मंत्री और सचिव को पत्र लिखा गया है। यदि तत्काल इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो एसोसियेशन के द्वारा 15 दिन के पश्चात हाईकोर्ट में याचिका दायर किया जाएगा।