मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छुई खदान और खैरागढ़ शहर में किया रोड शो

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रायपुर/खैरागढ़ । खैरागढ़ विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान शनिवार को शिखर पर पहुंच गया। प्रचार खत्म होने से 24 घंटे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छुई खदान और खैरागढ़ शहर में रोड शो किया है। वहीं क्षेत्र में हुई जनसभाओं में उन्हाेंने भाजपा और उसके स्टार प्रचारकों के दावे पर जोरदार हमला किया।

उप चुनाव में अपने 6 दिनी प्रचार अभियान के अंतिम दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छुई खदान में रोड शो किया। यहां उनके साथ जीप में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत भी थे। शाम को मुख्यमंत्री खैरागढ़ पहुंचे। वहां उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकाें के साथ रोड शो किया। एक खुली जीप में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और पार्टी की उम्मीदवार यशोदा वर्मा के साथ मुख्यमंत्री सड़क पर उतरे। उनके साथ हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक नारे लगाते हुए निकले। यह रोड शाे शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरा। इस दौरान कई स्थानों पर मुख्यमंत्री के ऊपर फूल भी बरसाए गए। मुख्यमंत्री ने सड़क के दोनों किनारों और छतों पर खड़े स्थानीय लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।

इससे पहले कानीमेरा गांव में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उनके निशाने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, शिवराज सिंह खुद अनैतिक रूप से सरकार चला रहे हैं। उनके पास बहुमत तो था नहीं। कांग्रेस विधायकों को तोड़कर कोरोना काल में उन लोगों ने सरकार बनाई। लोगों की जान जोखिम में डाली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यहां 15 साल तक रमन सिंह की सरकार रही, लेकिन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया। अब जब उनकी सरकार प्रदेश के हर क्षेत्र के लिए काम कर रही है तो उनको तकलीफ हो रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा हर बार राम राग अलापती रहती है। प्रदेश में भाजपा की सरकार थी उन्होंने राम के नाम पर कुछ नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने राम वन गमन परिपथ का निर्माण कराना शुरू कर दिया है। कल वे खुद शिवरीनारायण जाकर इसका शुभारंभ करने वाले हैं। शिवरीनारायण में ही माता शबरी ने राम को जूठे बेर खिलाए थे।

खैरागढ़ उपचुनाव के प्रचार अभियान का सबसे बड़ा चेहरा खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे। मुख्यमंत्री पिछले 4 अप्रैल से लगातार जनसभाएं और जन संपर्क अभियान में शामिल थे। इन छह दिनों में उन्होंने हर दिन औसतन तीन जनसभाओं को संबोधित किया है। चार अप्रैल को तीन और 9 अप्रैल को केवल एक जनसभा हुई है।

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