मुख्यमंत्री ने बीजापुर में ज्ञान गुड़ी एजुकेशन सिटी का किया लोकार्पण

  • दूरस्थ अंचल में बच्चों के सपनों को मिल रही नई उड़ान
  • दिव्यांग बच्चों ने बम बम बोले, छोटी सी आशा गानों पर दी मनमोहक प्रस्तुति
  • मुख्यमंत्री ने ज्ञानगुड़ी परिसर में रोपा रुद्राक्ष का पौधा

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रायपुर। दिव्यांग बच्चों ने बम बम बोले, छोटी सी आशा गानों पर दी मनमोहक प्रस्तुतिमुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान बीजापुर में ज्ञान गुड़ी एजुकेशन सिटी का लोकार्पण कर जिलेवासियों को शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सौगात दी। इस अवसर पर उन्होंने ज्ञानगुड़ी परिसर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। मुख्यमंत्री ज्ञानगुड़ी में जिला पुनर्वास केंद्र समर्थ पहुंचकर दिव्यांग बच्चों से मिले और उन्होंने परिसर का भ्रमण कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री के स्वागत में बच्चों ने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। समर्थ के सभी बच्चों ने बम बम बोले, छोटी सी आशा गाने पर नृत्य की प्रस्तुति दी, जिस पर मुख्यमंत्री भावविभोर हो गए। समर्थ के बच्चों ने अपने हाथों के पंजांे की छाप से सजे पुनर्वास केंद्र समर्थ की तस्वीर मुख्यमंत्री को भेंट की।

शिक्षा कक्ष में बच्चों के साथ बैठकर उनके शिक्षण स्तर को जांचा। कुमारी रोजा कोड़े ने उन्हें 1 से 10 तक संख्याओं को क्रम में जमाकर बताया, जिस पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान एक्टिविटी कक्ष में मूक-बधिर बच्चों कार्तिक बेलसरिया और अमितेष अंगनपल्ली से मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों की हारमोनियम और ढोलक की जुगलबंदी की तारीफ की और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। उन्होंने समर्थ परिसर में विशेष शिक्षा कक्ष में बच्चों के साथ बैठकर उनके शिक्षण स्तर को जांचा। कुमारी रोजा कोड़े ने उन्हें 1 से 10 तक संख्याओं को क्रम में जमाकर बताया, जिस पर मुख्यमंत्री ने उनकी सराहना की। प्रशिक्षकों ने बताया कि यहाँ बच्चों को टीचिंग लर्निंग मटेरियल के माध्यम से सिखाया जाता है। मुख्यमंत्री ने फिजियोथेरेपी कक्ष में शारिरिक रूप से कमजोर बच्चों को मसल पावर विकसित करने के लिए दिए जा रहे थेरेपी की जानकारी ली। संवेदी कक्ष में दृष्टि बाधित दिव्यांग बच्चे मोहन कुड़ियम, ईश्वर तेलम, संतोष गुज्ज़ा, कवासी जोगा ने मुख्यमंत्री को चीजें स्पर्श कर उनकी पहचान बताई। यहां 21 प्रकार की फिजिकल डिसएबिलिटी वाले बच्चे प्रशिक्षणरत हैं । यहां दृष्टिबाधित बच्चों को हाथों व पैरों के स्पर्श से वस्तुओं एवं रंगों की पहचान और स्वाद चखकर खाद्य पदार्थों को पहचानने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। समर्थ में वर्तमान में बीजापुर जिले के सभी विकासखंड के 40 बच्चे है जिन्हें शासन के द्वारा बच्चों को मुफ्त में भोजन, रहना आदि सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। यहाँ मानसिक ,दृष्टि बाधित अन्य दिव्यांग बच्चों को समर्थ के प्रयास से शिक्षित बनाया जा रहा है।