लाखागढ़ पंचायत में योजना को लेकर जनप्रतिनिधि का रवैय्या लापरवाह
शिखादास/छत्तीसगढ़ क्राइम्स
पिथौरा । नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। चूंकि यह योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है, इसलिये राज्य में प्रशासनिक स्तर पर इस योजना को लेकर बहुत गंभीरता बरती जा रही है परंतु पिथौरा ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत लाखागढ़ में यह योजना पूरी तरह से फेल साबित हो रही है या दूसरे शब्दों में हम कहें की प्रशासनिक लापरवाही की भेट चढ गई है तो अतिश्योक्ति नहीं होंगी। लाखागढ़ पंचायत के दर्जन भर निवासियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नवरा गरवा घुरवा बाड़ी योजना में बरती गई लापरवाही की हकीकत बयां करते हुए इस योजना का भौतिक सत्यापन करने की मांग करते हुए बताया की जांच में चौकानें वाले परिणाम दिखेंगे । ग्रामीणों का कहना हैं कि जांच बाहर की एजेंसी से करवाया जाए तो सरपंच सचिव उपसरपंच अधिकारियों की लापरवाही मिलिभगत ऊजागर होगी । ग्रामीणों की शिकायत के बाद अब यह सवाल खड़ा होता है कि करारोपण अधिकारी पंचायत में पदस्थ इंजीनियर क्या हर कार्य का मूल्यांकन झूठा देते है ?
सरपंच -सचिव और पंचायत के उपसरपंच मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर गंभीर क्यूं नही ?
पिथौरा जनपद की नाक के नीचे लाखागढ़ पंचायत में नरवा घुरूवा गरुवा बारी योजना तहसनहस हो गया और प्रशासनिक अधिकारी बेखबर कैसे हैं?
पिथौरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत लाखागढ़ में शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बारी की धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही है।
लाखागढ़ तालाब भी घुरूवा बन चुका आधा से अधिक हिस्सा ?
ग्राम में गौठान हेतु शासन से प्राप्त कोई साढ़े छह लाख रुपये आहरण तो हुए परन्तु इतने रुपयों से मात्र 2 टंकी का ही निर्माण हो पाया है।
ग्राम लाखागढ़ निवासी उमर हसन,तारेश कोसरिया, कोमल कोसरिया, अरविंद कोसरिया , एवम निमिष कोसरिया के संयुक्त हस्ताक्षर से मुख्यमंत्री को की गई एक शिकायत में कहा है कि उनके नरवा गरवा घुरवा बारी योजना को लाखागढ़ सरपंच सचिव द्वारा पूरी तरह तहस नहस कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि कोई 6-47 लाख लागत से बनाये जाने वाले गौठान में भारी गड़बड़ी की गई है।ग्रामीणों के अनुसार सरपंच सचिव द्वारा बनाये गए गौठान में मात्र 2 टँकीया बना कर कार्य समाप्त कर दिया गया है।गौठान की जगह जंगल के बीच है।
जहां पहुच मार्ग ही नही है।गौठान में पशुओं हेतु शेड का निर्माण नही करवाया गया, 2 टंकियों का निर्माण कर उसे गौठान का नाम दिया गया है।
इस स्थान पर घेरा तक नही करवाया गया है।कम्पोस्ट खाद बनाने की कोई व्यवस्था नही की गई है,इसके अलावा गोधन न्याय योजना के तहत बने गौठान में एक भी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नही होने से चार वर्ष पूर्व प्रारम्भ की गई यह योजना लाखागढ़ में पूरी तरह फ्लॉप हो चुकी है।
वही दूसरी ओर लाखागढ़ सरपंच द्वारा अपने भाई के नाम से ग्राम की प्राथमिक शाला भवन में आठ दुकानों का निर्माण स्वयम के खर्च से कर लिया गया है।निर्माण के अंतिम चरण में दुकानों को बेचने हेतु ग्राहकों की तलाश किये जाने की जानकारी भी शिकायत कर्ताओं ने दी है।
दूसरी ओर ग्राम सचिव रामअवतार ध्रुव को इस सम्बंध में चर्चा हेतु मोबाइल लगाया गया परन्तु वे बार बार मोबाइल काट रहे है जबकि जनपद अधिकारी एस एस पोयाम ने इस प्रतिनिधि को बताया कि वे यहां नए आये है।इसलिए जानकारी नही है।जल्द ही मामला देख कर जानकारी दी जाएगी।
लाखागढ़ की गायों को nh पर गलीमुहल्लो में स्वतंत्र विचरण करते लावारिस घूमते हमेशा देखा जा सकता हैं ।
सरपँच भी मोबाईल नहीं उठातें ? रिसिव नही किये बयान के लिए।