परिजनों को तत्काल 20 लाख रुपए मुआवजा दिलाने, स्पीड ब्रेकर और स्ट्रीट लाइट लगाने की मांग रखी। अंबिकापुर एसडीएम फागेश सिन्हा सहित प्रशासनिक अमले ने स्पीड ब्रेकर बनाने की सहमति दी। स्पीड ब्रेकर का निर्माण तत्काल चालू करा दिया। एसडीएम की समझाइश के बाद चक्काजाम 3.30 बजे खत्म हुआ।
लगातार हादसों से लोगों में आक्रोश
कंठी सरपंच अभिमान पैकरा ने कहा कि, लगातार हादसों के कारण लोगों में आक्रोश है। यह मैनपाट पहुंचने का प्रमुख मार्ग है। गाड़ियां स्पीड से चलती हैं। चार महीने पहले भी स्कॉर्पियो की टक्कर से दंपती सहित तीन की मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने 20 लाख रुपए मुआवजा की मांग की है।
कंठी निवासी सुनील साहू ने कहा कि आए दिन मेन रोड में नशे में धुत वाहन चालकों के कारण हादसे हो रहे हैं। हमारी मांग है कि स्पीड ब्रेकर लगे और रोड लाइट की व्यवस्था हो। दरिमा थाने के सामने नशेड़ी वाहन चालकों की जांच हो।
क्या बोले अधिकारी और नेता ?
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि, लगातार हादसे हो रहे हैं तो स्टापर लगाए जाने चाहिए। सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए लोग गुस्से में हैं।
अंबिकापुर एसडीएम फागेश सिन्हा ने बताया कि, आंदोलनकारियों को समझाइश दी गई है। स्पीड ब्रेकर बनाया जा रहा है। नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। समझाइश के बाद आंदोलनकारी मान गए हैं।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि, रविवार शाम करीब 4 बजे मैनपाट से अंबिकापुर की ओर आ रही तेज रफ्तार इनोवा क्रमांक सीजी 10 एनबी 7200 कंठी में बेकाबू हो गई। इनोवा वाहन ने सड़क किनारे बस का इंतजार कर रहे हीरामणी राजवाड़े (24), उसके बेटे आर्यन राजवाड़े (05) दोनों निवासी पटना, कोरिया सहित कंठी निवासी सिवंती (60) को टक्कर मार दी। तीनों को चपेट में लेते हुए इनोवा दुकान में जा घुसी।
इलाज के दौरान महिला की मौत
हादसे में सिवंती राजवाड़े का बांया पैर कट गया था। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने कार के ड्राइवर और सवार युवकों को पकड़कर बेदम पीटा। सभी नशे में धुत थे। भीड़ ने कार में तोड़फोड़ करने के साथ ही उसे बीच सड़क पर पलट दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने लोगों को शांत कराया।
हादसे में घायल सिंवती राजवाड़े, हीरामणी और आर्यन को इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल किया गया था। सिंवती राजवाड़े की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। पैर कटने के कारण उसका खून अत्यधिक मात्रा में बह गया था। इलाज में हुई देरी और खून नहीं रूकने के कारण उसने दम तोड़ दिया।