वजन त्यौहार से माताएं हो रही है जागरूक
महासमुंद। जिले में वजन त्यौहार को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इसमें बच्चों में सुपोषण के लिए शत् प्रतिशत संस्थागत प्रसव की दिशा में गांव-गांव में प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अपील की जा रही है कि, प्रसव के पहले और प्रसव के बाद माताएं स्वास्थ्य केन्द्रों में ही रहे जिससे बच्चों को सही समय पर टीका लगाया जा सके और कुपोषण तथा अन्य रोगों से बच्चों को बचाया जा सके। इसी कड़ी में बागबाहरा ब्लॉक के खम्हरिया सेंटर के ग्राम अमेठी आंगनबाड़ी केंद्र में जागरूकता अभियान के साथ वजन त्यौहार मनाया जा रहा है।
कुपोषण मुक्ति के लिए जिले में 7 जुलाई से वजन त्यौहार मनाया जा रहा है। जो 16 जुलाई तक चलेगा। इस त्यौहार में शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन कर उनके पोषण स्तर का पता लगाया जा रहा है। वहीं 11 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं का भी वजन और उंचाई मापी जा रही है। इन किशोरियों में हिमोग्लोबिन की जांच की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरोज चंद्राकर ने बताया कि, कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक माताओं का चिन्हांकन कर उन्हें सुपोषित करने का प्रयास के साथ सुझाव दिए जा रहे हैं। जिन बच्चों का वजन 2 किलो 400 ग्रा है ऐसे बच्चों को कंगारू मदर केयर पद्धति से सीने से लगाएं रखने के सुझाव पालकों दी जा रही है। सरोज चंद्राकर ने बताया कि कंगारू पद्धति को परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा किया जा सकता है। इसमें माताओं का ही होना जरूरी नहीं है।
साथ ही बच्चों की शारिरीक व मानसिक विकास पर जोर दिया जा रहा है। शून्य से 2 वर्ष के बच्चे जो सही तरीके से खड़े नहीं हो पाते उन बच्चों का वजन और उंचाई लेटाकर मापा जा रहा है। इस मौके पर सहायिका पदमा बाई नागेश, मितानिन रामकुमारी ध्रुव सहित बच्चों की माताएं उपस्थित थे।