अपने ही गढ़ में पीसने खंडहर झोपडी़ दरार सीपेंज वाला स्कूल में पढ़ाई करने मजबूर बच्चे

अब की बार आंदोलन को तैयार राजा पड़ाव क्षेत्रवासी : संजय नेताम

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/मैनपुर। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। अनेकों जतन योजनाएं भी संचालित कर रही है। फिर भी शिक्षा के स्तर में बदलाव नजर क्यों नहीं आ रहा है।

आज भी स्कूली बच्चे खंडहर नुमा स्कूल भवन, झोपड़ी,भवनो में दरार, छड़ सीमेंट अलग थलग बरसात के मौसम में सीपेज,ऊपर से पानी टपकने वाले स्कूलों में पढ़ाई करके कैसे बच्चे अपने भविष्य को सवारेंगे। भूत बंगला से भी खतरनाक भवनो में पढ़ाई करवा करके बच्चों को सरकार क्या बनाना चाहते हैं। अगर भयंकर बारिश मे ऐसे स्कूलों में अनहोनी घटनाएं घटने से जिम्मेदारी कौन लेगा ये सवाल के जवाब निरुत्तर जैसा लगता है। दर्जनों ऐसे स्कूल भवन मिल जाएंगे जिनका हालत बद से बदतर है। शासकीय कर्मचारी ठेकेदार बनकर ठेका लेना स्कूल भवन के 90% राशि को निकाल कर भवनो को खंडहर में तब्दील कर देना कई ऐसे जर्जर स्कूल छत के ऊपर से पानी टपकना सीमेंट के कण नीचे पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर गिरना, सीपेज वाला भवन जिनके लिए नया भवन की स्वीकृति नही होना स्कूल जतन योजना के अंतर्गत नया स्कूल भवन तो बनाया जा रहा है लेकिन जुलाई महीना बीतने को है अभी भी आधा अधूरा है बच्चे झोपड़ी में पढ़ने मजबूर हो रहे हैं।तो भला ऐसे स्कूलो में बच्चे पढ़कर कैसे अपने भविष्य को सवारेंगे। आज भी शिक्षक विहीन विद्यालय देखने को मिल जाएंगे।

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ये हाल है विकासखंड मुख्यालय मैनपुर राजापड़ाव क्षेत्र के स्कूलों का इन्ही सभी जायज मांगों को लेकर क्षेत्रवासी आंदोलन करने के लिए जब तैयार होते हैं तो आनन फानन में सरकारी नुमाइन्दे द्वारा क्षेत्र वासियों को लॉलीपॉप दे दिया जाता है। राजापडा़व क्षेत्र के स्कूलों में 15 जुलाई तक शिक्षक की व्यवस्था के लिए भी शासन प्रशासन के द्वारा क्षेत्रीय मुखियाओं को कही गई थी आज भी आधा अधूरा ही है।

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हम बताने जा रहे हैं विकासखंड मुख्यालय के शासकीय प्राथमिक शाला करेली जहां अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 11 वर्ष पहले 2 लाख 31हजार रुपये स्वीकृत हुई थी उसमें से 2लाख 7हजार 9सौ का आहरण भी हो गया। लेकिन आज भी स्कूल भवन तैयार नही हो सका मगर खंडहर में तब्दील हो गया। तत्कालीन संकुल समन्वयक दयाराम नागेश के द्वारा बनाया जा रहा था। प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला मोंगराडीह के स्कूल भवन भयंकर जर्जर,छत के सीमेंट छड़ दरार पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर कभी भी गिरने की स्थति से डर के साए में पढ़ने को मजबूर बच्चे इसके अलावा नीचे सीपेज से बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा वही शासकीय प्राथमिक शाला मोतीपानी के बच्चे स्कूल के अभाव में झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर जहाँ अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 9 लाख 60हजार रुपए की स्वीकृति मगर जुलाई महीना बीतने को है अधूरा है।

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लगता है अभी का बरसात और निकल जाएगा बच्चो को झोपड़ी में पढ़ाई करते हुए। इस संबंध में जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कहा कि हमारे राजापड़ाव क्षेत्र में शिक्षा के हालत बद से बदतर हो गई है। कई स्कूल भवन खंडहरों में तब्दील हो गया है। बरसात के मौसम में भी खंडहर दरार सीपेज वाला स्कूल भवन में बच्चे पढ़ने मजबूर हो रहे हैं। जुलाई महीना तक शिक्षक की व्यवस्था क्षेत्र के स्कूलो में किए जाने की बात प्रशासन से हुई थी वह भी अधूरा ही है।इस बार अगस्त महीना में क्षेत्र के मूलभूत मांगों को लेकर भंयकर बडा़ आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी और जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।