सीएम भूपेश बघेल ने की कई बड़ी घोषणाएं, सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनेगा सुकमा जिला अस्पताल

Chhattisgarh Crimes

 रायपुर। सुखद, समृद्ध, सुंदर और स्वस्थ सुकमा के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कई घोषणाएं की। सुकमा हाईस्कूल मैदान में आयोजित आमसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ की तरह नवा सुकमा बनाना है। उन्होंने कहा कि नवा सुकमा का सपना बच्चों को बेहतर शिक्षा, युवाओं को रोजगार, खेतों को सिंचाई के लिए पानी और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर पूरा होगा। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है। उन्होंने सुखद, समृद्ध, सुंदर और स्वस्थ नवा सुकमा के सपने को साकार करने के लिए दुरमा जलप्रपात के सौन्दर्यीकरण के लिए 5 करोड़, सुकमा जिला अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करने, स्वामी विवेकानन्द परिसर के विस्तार के लिए एक करोड़ की स्वीकृति दी।

आदेश मुख्यमंत्री सुकमा जिले के समस्त देवगुड़ी के निर्माण के लिए 5-5 लाख रुपए, छिन्दगढ़ विकासखण्ड मुख्यालय में तीन किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 को चार लेन सड़क में परिवर्तित कर चौड़ीकरण के लिए 6 करोड रूपए की स्वीकृति दी। भेज्जी में प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास, गोलापाल्ली में कन्या आश्रम भवन, प्री मैट्रिक बालक आश्रम और पालाचलमा में पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास की घोषणा की। उन्होंने सोलर ड्यूल पम्प ग्रामीणों क्षेत्रों के लिए चार सौ नग बोर खनन, गोंगला के लिए बीटी सड़क की स्वीकृति, कुकानार से सरईपारा के बीच तीन किलोमीटर सड़क निर्माण, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के समीप कर्मचारियों के लिए आवासीय भवन निर्माण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है और छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि कोई भी व्यक्ति शिक्षा से वंचित न रहे। इसलिए वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को खोलने का कार्य वर्तमान सरकार द्वारा किया गया। दो वर्षों के भीतर बंद पड़े 123 स्कूलों में से 90 स्कूलों का संचालन पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। आज इसी का परिणाम है, कि जिस जिले की पहचान लाल आतंक से होती थी, अब उसी जिले के बच्चे बोर्ड परीक्षाओं में टॉप कर रहे हैं, यह इस जिले में हो रहे बदलाव की पहचान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहे और गांव-गांव तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आज इसी कड़ी में यहां 50 स्वास्थ्यकर्मियों को मेडिकल किट सहित स्कूटी उपलब्ध कराई गई है। लोगों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के लिए दो एंबुलेंस भी प्रदाय की गई हैं। उन्होंने कहा कि मलेरियामुक्त बस्तर अभियान का सपना साकार करने के लिए घर-घर जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार किया गया। आज इसी का परिणाम है कि मलेरिया के एपीआई में 65 फीसदी की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि बच्चे स्वस्थ और सुपोषित हों, इसके लिए बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। शासन द्वारा बच्चों को गर्म भोजन और अंडा उपलब्ध कराया जा रहा है। अंडों की आपूर्ति के लिए भी स्थानीय स्वसहायता समूह की महिलाओं को मुर्गीपालन और अंडा उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो।