बिलासपुर। कोरबा में कोयला चोरी होने के वायरल VIDEO ने पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। यही वजह है कि जांच शुरू होने से पहले ही अब SECL से लेकर CISF और SP भी हरकत में आ गए हैं। SECL अफसरों के निर्देश पर CISF ने खदान एरिया में सर्चिंग और गश्त बढ़ा दी है। दूसरी ओर SP ने दीपका थाना प्रभारी और हरदीबाजार के चौकी प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया है। जांच से पहले कार्रवाई कर अफसर आप को पाक-साफ जताने का प्रयास कर रहे हैं।
यह दृश्य है एशिया के सबसे बड़े कोल माइंस का…
छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित गेवरा माइंस का…
संगठित माफिया राज का खुल्ला खेल…
हजारों मजदूरों और सैकड़ों गाड़ियों से खुल्लम खुल्ला कोयले की चोरी…
सब कुछ अति की सीमा को पार चुका है हमारे छत्तीसगढ़ में ….
1/2 pic.twitter.com/WmImvqSUfs— Om Prakash Choudhary (@OPChoudhary_Ind) May 18, 2022
एशिया के सबसे बड़ी कोल माइंस कोरबा स्थित गेवरा खदान में कोयला चोरी का वायरल VIDEO को पूर्व IAS और भाजपा नेता ओपी चौधरी ने ट्वीट कर सियासी खलबली मचा दी है। इधर, VIDEO सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। वायरल VIDEO पर IG रतनलाल डांगी ने जांच के आदेश दिए हैं। एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की जांच शुरू होनी है। उससे पहले ही SP भोजराम पटेल ने दीपका थाना प्रभारी अविनाश सिंह और हरदीबाजार चौकी प्रभारी अभय सिंह को लाइन अटैच कर दिया है। आदेश में कोयला चोरी का जिक्र नहीं है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से लाइन अटैच करने का उल्लेख किया गया है। इसे कोयला चोरी का साइड एफेक्ट माना जा रहा है।
बिलासपुर के कोल डिपो में खपाते हैं चोरी का कोयला
कोयले के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि खदान के ग्रामीणों तक पहुंचने और माफियाओं के भारी वाहनों में कोयला लोड कर चोरी कर खपाने का अवैध कारोबार काफी पहले से चल रहा है। माफिया दावा करते हैं CISF और स्थानीय पुलिस से उनकी तगड़ी सेटिंग रहती है। यहां से कोयला निकालने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती। ट्रक और ट्रेलर में बिना दस्तावेज के कोयला ठिकाने तक पहुंचाने के लिए संबंधित थानेदार और पुलिस अफसरों से भी सेटिंग रहती है। यही वजह है कि बिना किसी दस्तावेज के कोयला बेखौफ बिलासपुर सहित आसपास के कोल डिपो तक पहुंच जाता है।
SECL के अफसर भी नहीं दर्ज कराते FIR
कोल माफियाओं से सेटिंग के चलते ही SECL के अफसर न तो कभी कोई छापेमारी करते और न ही कोयला चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। बताया जा रहा है कि रोज खदानों से एक मालगाड़ी के बराबर यानी की चार हजार टन कोयला सिर्फ चोरी में चला जाता है। इसके बाद भी SECL प्रबंधन की तरफ से कभी कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती।