रायपुर। कांग्रेस ने गुरुवार देर रात छत्तीसगढ़ के निगम, आयोग और मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में 91 नेताओं के नाम हैं। इसमें 10 को अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि, सूची आने के बाद से ही कांग्रेस में विरोध शुरू हो गया है। कई कार्यकर्ता इन नियुक्तियों से नाराज हैं। इनका कहना है कि सूची में कई वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की गई है। कुछ ऐसे नेताओं को भी पद मिलें है, जो पार्टी की एक्टिविटी में शामिल नहीं थे। सोशल मीडिया पर इस सूची पर सियासी बवाल शुरू हो गया है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री अरुण भद्रा को रायपुर विकास प्राधिकरण में सदस्य बनाया गया है। इस पर भद्रा ने कहा कि, ‘मैं ये पद नहीं ले सकता। पार्टी ने लिस्ट जारी करते वक्त वरिष्ठता का ध्यान नहीं रखा। हम लोग इतने सालों से घर-बार छोड़कर पार्टी के काम में लगे रहते हैं। साफ है कि दबाव में आकर लोगों को पद बांटे गए हैं। सभी पुराने नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। इससे उनके मन में असंतोष पैदा हो रहा है। पार्टी को सोचना चाहिए कि आगे भी चुनाव लड़ना है।’
शाकंभरी बोर्ड का अध्यक्ष बनने वाले पटेल पर गंभीर आरोप
जांजगीर जिले से रामकुमार पटेल को शाकंभरी बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। लेकिन बताया जा रहा है कि उन पर 6 साल पहले फर्जी अफसर बनकर माध्यमिक शिक्षा मंडल के अफसरों को धमकी देने का आरोप है। पहले उस वक्त होम गार्ड में नौकरी करते थे। पटेल ने खुद को बिलासपुर IG वन देव बताकर बीएड में अपने भतीजे का एडमिशन कराने के लिए दबाव डाला। इस मामले में पटेल को पुलिस जांच का भी सामना करना पड़ा था। उस वक्त पटेल ने होमगार्ड की नौकरी भी छोड़ दी थी।
पद मिलने वालों को कांग्रेसी नेता पहचानते ही नहीं
सुरजपुर निगम मण्डल आयोग की लिस्ट जारी हुई तो नया बखेड़ा खड़ा हो गया। खुशी मनाने की बजाए यहां के कांग्रेस नेता उसे ढूंढ रहे हैं, जिसे पार्टी ने पद दिया। संजय गुप्ता नाम के कांग्रेस नेता को कृषक कल्याण परिषद का सदस्य बनाया गया, पर किसी भी कांग्रेंसी को मालूम नहीं कि संजय गुप्ता कौन है? अब सोशल मीडिया पर इनके नाम कई तरह के पोस्ट कर कांग्रेस नेता तलाशी अभियान छेड़ चुके हैं। सूरजपुर से इस तरह से पदों के बंटवारे में बड़ा असंतोष देखा जा रहा है। स्थानीय नेताओं ने बताया कि संजय गुप्ता नाम के किसी कांग्रेस नेता को यहां कोई जानता ही नहीं ये पार्टी की गतिविधियों में भी नहीं रहे।
कुछ जिलों में बंपर पद तो कुछ की अनदेखी
गरियाबंद और कोरिया जिले के कांग्रेस नेताओं के नाम निगम मंडल की सूची में नहीं है। दूसरी तरफ महासमुंद से एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक नेताओं के नाम हैं। इसमें विनोद चंद्राकर, संसदीय सचिव द्वारकाधीश यादव, संसदीय सचिव किस्मत लाल नंद, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, देवेंद्र बहादुर सिंह – वन विकास निगम, अनिता रावते- महिला आयोग, अग्नि चन्द्राकर- बीज निगम, महेद्र चन्द्राकर:- उपाध्यक्ष कृषक कल्याण परिषद, मोहित धुव – मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण, दाउ लाल चंद्राकर- बीज एडवाइजरी बोर्ड में जगह पा चुके हैं।
यह कोई आखिरी सूची नहीं, नेताओं को मिलेंगे अवसर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सभी कांग्रेस नेताओं को नए पद और जिम्मेदारी मिलने की बधाई दी है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने पद बंटवारे के बाद सामने आ रही नाराजगी पर कहा है कि ये कोई आखिरी लिस्ट नहीं है। पर्यटन, ब्रेवरेज कॉरपोरेशन, कृषि उपज मंडियों, को-ऑपरेटिव्स बैंक के सदस्यों की सूची भी आएगी। पार्टी में इस सूची के आने के बाद सभी नेताओं का उत्साह और बढ़ा है। लोगों से जुड़े निगम-मंडलों में जन सेवा का अवसर मिला है।