रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैदराबाद दौरे पर हैं। जहां कांग्रेस कार्यसमिति की एक महत्वपूर्ण बैठक में वे शामिल हुए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के सीनियर लीडर्स राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में तीन प्रस्ताव पारित हुए हैं। इनमें तीनों शोक प्रस्ताव हैं। पहला प्रस्ताव- केरल के पूर्व सीएम ओमान चांडी के निधन को लेकर है। दूसरा- मणिपुर में जारी हिंसा के पीड़ितों के लिए और तीसरा- हिमाचल प्रदेश के आपदा पीड़ितों के लिए है।
जानकारी के मुताबिक यह बैठक दो दिन तक चलेगी। विपक्षी दलों के नए गठबंधन INDIA के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की यह पहली बैठक हो रही है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा होगी। छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में भी चुनाव होने हैं, लिहाजा इन प्रदेशों से भी नेता हैदराबाद पहुंच रहे हैं।
जल्द जारी हो सकती है प्रत्याशी सूची
माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम घोषित हो सकते हैं। कांग्रेस इस बैठक के बाद चुनावों को गंभीरता से लेते हुए हर प्रदेश में सक्रियता बढ़ाने का लक्ष्य दे रही है।
पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठकें हुईं मगर दावेदारों के नाम को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका। पार्टी प्रत्याशियों के चयन में उलझ गई है। कांग्रेस अब तक कई सीटों पर दावेदारों पर आम राय नहीं बन पाई है। दूसरी तरफ भाजपा ने 21 प्रत्याशियों के नाम जारी कर प्रचार शुरू कर दिया है।
हम योजना बनाएंगे
बैठक से पहले मीडिया काे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह पहली सीडब्ल्यूसी बैठक है। विस्तारित कार्यसमिति की बैठक भी होगी, जिसमें पार्टी से जुड़ी चर्चाएं की जाएंगी। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। सभी पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर चर्चा करेंगे और उसके मुताबिक योजना बनाएंगे।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होगी जिसमें छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ, ED की कार्रवाई, प्रदेश में भाजपा की ओर से लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर बात, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी बात होगी। इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा और जम्मू-कश्मीर में हालात जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर भी काम होगा।