नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरे दुनिया में तबाही मचा रखी है. लिहाजा दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस वायरस को लेकर लगातार रिसर्च कर रहे हैं. अब अमेरिका के हेल्थ डिपार्टमेंट यानी अमेरिकन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने अपने नागरिकों के लिए कोरोना वायरस को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि जो लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं उनमें तीन महीनों तक ही इम्यूनिटी यानी वायरस से लड़ने की क्षमता बनी रहती है.
‘तीन महीने तक क्वारंटीन होने की कोई जरूरत नहीं’
अमेरिका के अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि इस एडवाइजरी का मतलब ये है कि कोरोना को मात देने वाले लोग तीन महीनों तक दूसरों के साथ घूम फिर सकते हैं. उऊउ की वेबसाइट पर एडवाइजरी में लिखा गया है, ‘जो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उन्हें ठीक होने के बाद खुद को अगले तीन महीने तक क्वारंटीन होने की कोई जरूरत नहीं है, जब तक कि उनमें इस वायरस को लेकर कोई लक्षण न दिखे. अगर किसी में सर्दी, खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में दिक्कत होने के लक्षण दिखे वो फिर से जांच करा सकते हैं.’
दोबारा संक्रमण का खतरा!
आपको बता दें कि कोरोना वायरस बेहद खतरनाक है. कई बार देखा गया है कि मरीज इस वायरस से दोबार संक्रमित हो गए हैं. आमतौर पर किसी वायरस का शिकार होने पर लोगों में उसकी इम्यूनिटी लंबे समय तक बनी रहती है. लेकिन इस वायरस में ये देखा गया है कि कई बार कुछ हफ्तों के बाद ही मरीजों की इम्यूनिटी खत्म हो जाती है. उनमें दोबोरा कोरोना होने का खतरा बना रहता है. करीब 9 महीने पहले इस वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी. ऐसे में वैज्ञानिक इस बात की तलाश में जुटे हैं कि आखिर कब तक लोगों पर दोबारा ये वायरस आक्रमण नहीं करता है.
6 महीने तक इम्यूनिटी!
हाल ही में चीन के वुहान में एक स्टडी में डॉक्टरों ने पाया कि कोरोना होने के बाद लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बनती है और इसका असर अगले 6 महीने तक रहता है. यानी 6 महीने के दौरान दोबारा कोरोना संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता है. विज्ञान की भाषा में इसे टी-सेल कहा जाता है. ये सेल्स किसी भी इंसान के शरीर में संक्रमण से लड़ता है. टी-सेल किसी को कोरोना या फिर किसी दूसरे वायरस से ठीक होने के बाद बनती है.