कोरोना पेशेंट को नहीं मिला ऑक्सिजन तो मुंह से सांस देती हॉस्पिटल लाई पत्‍नी, फिर भी नहीं बच पाई जान

Chhattisgarh Crimes

आगरा। आगरा के अस्पतालों में ऑक्सिजन की किल्लत के बीच दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। शुक्रवार को कई अस्पतालों में भटकने के बाद दोपहर बाद एक महिला अपने कोविड संक्रमित पति को ऑटो में लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंची। पति सांस लेने के लिए तड़प रहा था। ऑक्सिजन कहीं थी नहीं तो पत्नी अपने मुंह से पति को जीवन की सांसें देने की कोशिश करती रही। लेकिन लाख जतन के बाद भी वह पति की जान नहीं बचा पाई।

आवास विकास सेक्टर-सात निवासी रवि सिंघल (47 वर्ष) की तबीयत खराब हो गई। उन्‍हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस पर पत्नी रेनू सिंघल परिजनों के साथ रवि को लेकर श्रीराम हॉस्पिटल, साकेत हॉस्पिटल और केजी नर्सिंग होम पहुंचीं। बेड खाली न होने से मरीज को कहीं भर्ती नहीं किया गया। आखिरकार रेनू ऑटो में बीमार पति को लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचीं। रास्ते में वह पति को बार-बार मुंह से सांस देने का प्रयास कर रही थी। एसएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। पति की मौत के बाद रेनू के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

मरीज को भर्ती कराने खुद डीएम को आना पड़ा

आगरा में कोरोना संक्रमण फैलने से अस्पतालों में आपातकाल जैसे हालात हैं। सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में भर्ती नहीं हो पाने से मरीज बेहाल हैं। एक मरीज को तो भर्ती कराने के लिए डीएम को खुद अस्पताल आना पड़ा। एक और मामले में सीएमओ को दो बार अस्पतालों में फोन करना पड़ा तक मरीज को भर्ती किया गया। आगरा के सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय ने बताया कि एक मरीज राजपाल के लिए मैंने फोन किया था। वहां बेड फुल थे। मरीज को दूसरी जगह भर्ती कराया है। केस बढ़ने से दिक्कत है। एसएन अस्पताल में और बेड बढ़ाए जा रहे हैं।

कोविड कंट्रोल रूम से नहीं मिल पा रही मदद

जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने कहा कि गंभीर मरीजों की भर्ती हो रही है। बीमारी गंभीर नहीं है तो लोग होम आइसोलेशन में उपचार लें। निजी कोविड अस्पतालों में मरीज भर्ती के संबंध में आईएमए, सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं। लेकिन आगरा में जैसे-जैसे संक्रमितों की तादाद बढ़ रही है, कोविड प्रबंधन के इंतजाम ध्वस्त हो रहे हैं। तीन दिन पहले शुरू हुए कोविड कंट्रोल रूम से 20 से अधिक मरीजों को मदद नहीं मिल सकी। 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर 12 घंटे व्यस्त रहे। 10-10 बार फोन लगाने पर भी फोन नहीं उठ रहे। शिकायत है कि नगर निगम स्मार्ट सिटी कमांड सेंटर में बने कोविड कंट्रोल रूम का फोन नंबर भी या तो व्यस्त रहता है अथवा उठता नहीं।आगरा में ऑक्सीजन संकट के कारण 34 निजी कोविड अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए जीवन रक्षक उपकरण भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। 34 कोविड अस्पतालों में हाई फ्लो ऑक्सिजन गैस नहीं मिलने से 350 से अधिक नेजल कैनुला, बाईपेप, वेंटिलेटर बंद हो गए हैं। मरीज को सीधे सिलिंडर से ऑक्सिजन दी जा रही है।