12 से 17 साल के बच्चों को दी जाएगी कोरोना वैक्सीन! यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने मॉडर्ना को दी मंजूरी

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लंदन। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना कंपनी के कोविड वैक्सीन को मंजूरी देने का निर्णय किया है। यह पहली बार है जब वैक्सीन को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनुमति मिली है। शुक्रवार को यूरोपीय संघ के औषधि नियामक ने कहा कि 12 से 17 साल की उम्र के 3,700 से अधिक बच्चों पर किए गए अनुसंधान में मॉडर्ना के वैक्सीन से तुलनात्मक एंटीबॉडी उत्पन्न होने का पता चला। यूरोप में वयस्कों के लिए मॉडर्ना के कोविड वैक्सीन को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है।

उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अब तक 12 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए अब तक फाइजर और इसकी जर्मन साझेदार बायोएनटेक का वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प रहा है। मॉडर्ना का कहना है कि दो खुराक वाला उसका वैक्सीन वयस्कों की तरह ही किशोरों में भी प्रभावी है और बांह में दर्द, सिर दर्द तथा थकान जैसे जो दुष्प्रभाव वयस्कों में होते हैं, वही दुष्प्रभाव किशोरों में भी होते हैं।

यूरोपीय संघ के दवा नियामक के वैक्सीन रणनीति के प्रमुख डॉ मार्को कैवेलरी ने कहा कि विशेषज्ञ समिति वर्तमान में 12 से 17 साल के बच्चों के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन के उपयोग को बढ़ाने के लिए मॉडर्न के आवेदन का मूल्यांकन कर रही है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि समिति अगले सप्ताह के अंत तक किसी नतीजे पर पहुंच जाएगी, जिसके बाद इसे अप्रूवल दिया जा सकता है।

यूरोपीय संघ ने गुरुवार को कहा कि आधे से अधिक वयस्क आबादी यानी 200 मिलियन यूरोपीय लोगों को पूरी तरह से वैक्सीन लगाया गया है, लेकिन अभी भी गर्मियों के लिए निर्धारित 70 प्रतिशत लक्ष्य से कम है। वहीं, भारत में च्चों के लिए सितंबर तक वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है। शुक्रवार को दिल्ली ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बड़ा अपडेट दिया है। AIIMS के निदेशक गुलेरिया ने कहा कि मेरा मानना है कि देश में बच्चों के लिए सितंबर तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।