कोरोना कॉलर ट्यून पर चिढ़ा कोर्ट, कहा- वैक्सीन है नहीं तो क्यों कह रहे हैं टीका लगवा लो

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नई दिल्ली। देशभर में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन  लगाई जा रही है, लेकिन ज्यादातर राज्यों में वैक्सीन की किल्लत है और लोगों को टीका नहीं मिल पा रहा है. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन वाली कॉलर ट्यून पर तीखी टिप्पणी की है और इसे परेशान करने वाला बताया है.

कौन लगाएगा वैक्सीन, जब ये है ही नहीं: HC

दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से कहा कि जब आपके पास पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध नहीं है तो आप कब तक इस कॉलर ट्यून के संदेश के जरिए लोगों को परेशान करेंगे. जस्टिस विपिन सिंघई और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने कहा कि फोन करने पर चिढ़ पैदा करने वाली ट्यून सुनाई पड़ती है कि वैक्सीन लगवाइए, कौन लगाएगा वैक्सीन, जब ये है ही नहीं

कितने साल तक चलाएंगे ये मैसेज: दिल्ली हाई कोर्ट

पीठ ने टीके की कमी पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘हमें नहीं पता, यह कितना लंबा चलेगा, खासकर तब जब सरकार पास टीका नहीं है. आप (सरकार) लोगों को टीका नहीं लगा रहे हैं, काफी संख्या में लोग इसके लिए इंतजार कर कर रहे हैं. इसके बाद भी आप कह रहे हैं कि टीके लगवाइए.’ अदालत ने कहा कि इस तरह के मैसेज का क्या मतलब है. सरकार को और भी मैसेज बनाने चाहिए. ये नहीं कि एक ही मैसेज बनाया और हमेशा उसी को चलाते रहें. जैसे एक टेप जब तक खराब नहीं हो जाता, तब तक बजता रहता है. आप भी इस मैसेज को 10 साल तक चलाएंगे.

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को दी सलाह

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार को जागरूकता फैलाने को लेकर सलाह दी. कोर्ट ने कहा कि जमीना हालात को देखते हुए बर्ताव करना चाहिए. आपको अलग-अलग संदेश तैयार करने चाहिए. जब कोई हर बार अलग-अलग मैसेज सुनेगा तो उसे इससे काफी मदद मिलेगी. कोर्ट ने कहा कि पिछले साल नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क पहनने को लेकर काफी प्रचार और प्रसार हुआ था. इसी तरह इस बार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, दवाओं आदि के इस्तेमाल पर ऑडियो-विजुअल पहल होनी चाहिए.

18 मई तक कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

अदालत ने कहा कि इसके लिए टीवी एंकर्स और प्रोड्यूसर की मदद से छोटे-छोटे ऑडियो-वीडियो मैसेज तैयार करने चाहिए. इसके लिए देर क्यों कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि 18 मई तक बताइए कि टीवी, प्रिंट और कॉलर ट्यून के जरिए कोविड मैनेजमेंट पर जानकारी प्रचार करने के लिए क्या कदम उठाए हैं.