कवर्धा में 108 फीट ऊंचे खंभे पर फहराई धर्म ध्वजा, 2 किमी लंबी शोभा यात्रा निकली

Chhattisgarh Crimes

कवर्धा।  कवर्धा में शुक्रवार को 108 फीट ऊंचे खंभे पर धर्म ध्वजा फहराई गई। जिले में हुई हिंसा के करीब 2 महीने बाद यह धर्म ध्वजा वहीं फहराई गई है, जहां से झंडा उतारने को लेकर विवाद शुरू हुआ था।इससे पहले शहर में भगवा ध्वज लिए करीब 2 किमी लंबी शोभा यात्रा निकाली। इस दौरान पूरा इलाका जय श्रीराम और हर-हर महादेव के नारों से गूंज उठा। दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि अब वातावरण बदल रहा है।

दरअसल, झंडे को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद जब हालात सुधरे तो साधु-संन्यासियों ने शहर में 108 फीट ऊंची धर्म ध्वजा फहराने का निर्णय लिया। इसको लेकर श्री शंकराचार्य जन कल्याण न्यास ने तैयारी शुरू कर दी थी। शुक्रवार को तय समय पर राम जानकी मंदिर से शोभायात्रा की शुरुआत हुई। इस यात्रा में हजारों की संख्या में हिंदू धर्मावलंबी शामिल हुए। शोभा यात्रा राजमहल चौक होते हुए वीर स्तंभ चौक और वहां से लोहारा नाका चौक पहुंची।

वहां से यात्रा कर्मा चौक पहुंची और वहां पहला झंडा फहराया गया। प्रशासन की ओर से तय जगह परशुराम चौक पर विधिवत मंत्रोच्चार के साथ 108 फीट ऊंचे खंभे पर धर्म ध्वजा लहराई गई। इसके बाद साधु-संत और सभी लोग पीजी कॉलेज मैदान में होने वाली धर्म सभा के लिए निकल गए। फिलहाल उसका आयोजन कुछ देर बाद शुरू होगा। इसमें आचार्य, सहित 13 अखाड़ों के महा मंडलेश्वर व श्री महंत भी पहुंचे हुए हैं।

शंकराचार्य के प्रतिनिधि दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जो घटना हुई, वह सिर्फ ध्वज को उतारकर, फेंककर किए जाने से नहीं है। करीब डेढ़-दो साल से कवर्धा और उसके आसपास के क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि एक वर्ग विशेष को बढ़ावा दिया जा रहा है। बहुसंख्यक आबादी को प्रताड़ित किया जा रहा है। एक दिन में कोई चीज विस्फोट नहीं करती। धीरे-धीरे जब बढ़ता है तो विस्फोट होता है। यह घटना इसी का परिणाम है।

स्वामी अविमुक्तेश्वारनंद ने कहा कि घटना के बाद दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन उन्हें बचाया गया और निर्दोषों को जेल में डाला गया। लंबे समय ये लोग कैसे जेल में रहेंगे, इसका प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि कानून का राज होने के कारण वह बाहर हैं। सुखचैन यादव आज भी जेल में है। जबकि वीडियो साफ कह रहा है कि उसने रक्षा के लिए प्रयास किया। उसे सम्मानित किया जाना चाहिए, पर उसे जेल में डाला गया है।

Exit mobile version