जमीन, पैसा और अवैध संबंध बना डिप्टी रेंजर की हत्या की वजह, सात आरोपी गिरफ्तार

Chhattisgarh Crimes

कटघोरा। डिप्टी रेंजर के संदिग्ध मौत का मामला आखिर सुलझ गया. सात लोगों ने मिलकर फिल्मी स्टाइल में हत्या की थी. कंचराम को मारने की सुपारी देहव्यापार में लिप्त महिला ने ढाई लाख रूपए में ली थी.

बीते रविवार को सुतर्रा बांसटाल के पुराने बेरियर के पास मिली वनमंडल के डिप्टी रेंजर की लाश का मामला कटघोरा पुलिस सुलझा लेने का दावा किया है. हत्या की साजिश के पीछे जमीन, पैसा और अवैध संबंध तीनो ही वजह हैं. आरोपियों ने पूरे वारदात की योजना महीनेभर पहले ही तैयार कर ली थी, जिसे 13 मार्च की रात अंजाम दिया. दूसरे दिन सुबह 11 बजे लाश बरामद की गई. अंधे कत्ल के इस गुत्थी को सुलझाने में पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने आरोपियों के मोबाईल जब्त किया है.

वारदात में शामिल दो आरोपियों को जांजगीर-चांपा से और अन्य को बिलासपुर से हिरासत में लिया गया है. पूरे साजिश में दो महिलाएं शामिल है, जबकि पांच पुरुषों का नाम भी दर्ज किया गया है. सभी पर भादवि की धारा 302, 201, 120 (बी), 328, 365 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है.

पुलिस के मुताबिक मृतक डिप्टी रेंजर कंचराम पाटले पिता पुसउ पाटले (58) की मौत स्वाभाविक नही थी, बल्कि उसके संबंधियों ने ही खूनी साजिश रचकर अंजाम दिया. पुलिस ने हत्या के इस वारदात को अंजाम देने वाले सभी अभियुक्तों को हिरासत में ले लिया है. इसके अलावा मर्डर में प्रयुक्त कार, हथियार, मोबाइल और दूसरे सभी सामानों को भी बरामद कर लिया है. हत्या के पीछे पल रहे वजहों का खुलासा आज प्रभारी एसडीओपी रामगोपाल करियारे और प्रभारी थाना इंचार्ज अशोक शर्मा ने प्रेसवार्ता के माध्यम से की.

हत्या के इस प्रकरण के पीछे मुख्य साजिशकर्ता मृतक कंचराम की पत्नी संतोषी पाटले और उसका प्रेमी जीजा नरेंद्र कुमार टंडन है. संतोषी पूर्व में अपने जीजा नरेंद्र के घर बलौदाबाजार में ही रहती थी. इस दौरान दोनों के बीच अवैध संबंध स्थापित हो गया था. इसके बाद संतोषी की शादी मृतक कंचराम पाटले से हो गई. कंचराम की पहली पत्नी लक्ष्मीन की मौत 8-10 साल पहले हो गई थी. जिसके बाद कंचराम ने संतोषी से ब्याह किया था. शादी से असंतुष्ट संतोषी का सम्बन्ध अपने प्रेमी जीजा नरेंद्र से जारी रहा. वह अपने पति को छोड़कर आये दिन नरेंद्र कुमार के घर पर ही रहती थी हालांकि पैसे, जायजाद और नौकरी को पाने के लिए वह मृतक से अलग नही हो पा रही थी. शातिर संतोषी हर माह मृतक कंचराम से पैसे लेने कटघोरा आती थी. इस तरह दोनों प्रेमी जोड़ों में पैसे की लालच बढ़ती जा रही थी, लेकिन वे अलग भी नही हो पा रहे थे. लिहाजा दोनों ने मिलकर कंचराम पाटले को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की खूनी साजिश रची.

नरेंद्र टंडन ने इस योजना में सरकंडा के अपने साथी कमल कुमार धुरी को भी शामिल किया. कमल ने नरेंद्र को आश्वासन दिया कि वह एक ऐसी महिला को जनता है, जो कंचराम को रास्ते से हटा सकती है. यह सुपारी लेने वाली बिलासपुर की महिला कमल की प्रेमिका पूर्णिमा साहू थी. कमल ने पूर्णिमा के अलावा अपने एक अन्य साथी ऋषि कुमार को भी साजिश का हिस्सा बनाया. महिला ने नरेंद्र से हत्या के एवज में ढाई लाख रुपए की मांग की. इस पर नरेंद्र तैयार हो गया. महिला ने नरेंद्र को बताया था कि वह बिना खून-खराबा सिर्फ तंत्र-मंत्र से ही कंचराम को खत्म कर देगी.

सभी आरोपी स्विफ्ट कार से सुतर्रा पहुंचे थे. सुपारी किलर पूर्णिमा पेशे से देहव्यापार करती है. उसका दावा है कि उसने पहले भी दूसरे राज्यो में इस तरह की सुपारी ली है. पूर्णिमा इस कार का उपयोग देहव्यापर के लिए करती थी. साथ ही पूर्णिमा ने कार के चालक और मालिक रामकुमार श्रीवास को भी अपने साथ शामिल कर लिया. इसके बाद पूर्णिमा, कमल कुमार, ऋषि कुमार और चालक रामकुमार 13 मार्च की रात बिलासपुर से कसनिया पहुंचे. यहां पहुंचते ही पूर्णिमा ने कंचराम को फोन लगाया और घर के बाहर बुलाया. दरअसल मृतक की एक मिरगी बीमारी से ग्रस्त भतीजी है. कंचराम अक्सर अपनी भतीजी के लिए दवा के प्रबंध में जुटा रहता था. कुछ वक्त पूर्व पूर्णिमा ने कंचराम को दवा उपलब्ध कराने की बात कही थी. इस रात जैसे ही कंचराम पूर्णिमा के कार के पास पहुंचा उन्होंने उसे अपने साथ भीतर बैठा लिया.

कंचराम जैसे ही कार में बैठा पूर्णिमा ने सहयोगियों की मदद से उसे सुहागा घोलकर पिला दिया. कंचराम के अचेत होते ही पूर्णिमा ने नरेंद्र को फोनकर काम हो जाने की बात कही. दूसरी तरफ मास्टरमाइंड नरेंद्र कुमार भी अपने एक साथ राजेश जांगड़े के साथ बाइक से कार के पीछे-पीछे कटघोरा आया हुआ था. उन्हें जब मालूम हुआ कि कंचराम का काम तमाम कर दिया गया है, तो वे दोनों भी घटनास्थल पर पहुंचे. वे अपने साथ एक टंगिया लेकर आये थे.

नरेंद्र ने लाश पर नजर दौड़ाई. जिसके बाद उसने भी टंगिए के पिछले हिस्से से कंचराम के जबड़े में जोरदार वार किया जिससे उसकी मौत हो गई. मौत की पुष्टि होते ही सभी ने कंचराम के शव को सुतर्रा बांस टाल के पास मौजूद पुराने बेरियर के किनारे फेंक दिया और वापिस लौट गए. रास्ते मे उन्होंने मृतक का मोबाइल और हत्या में प्रयुक्त टंगिए को फेंक दिया था जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है.