बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों का रायपुर में चक्काजाम : तेलीबांधा तालाब के पास परिजनों के साथ बैठकर नारेबाजी, सड़क पर लगा लंबा ट्रैफिक जाम

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों के प्रदर्शन को एक महीने से ज्यादा हो गया है। प्रदर्शनकारी नौकरी पाने के लिए लगातार कई जतन कर रहे हैं। इस बीच रविवार को उन्होंने रायपुर के तेलीबांधा में चक्काजाम कर दिया है। वे सड़क पर परिजनों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।

मरीन ड्राइव के सामने की सड़क पर बैठकर बर्खास्त शिक्षकों ने धरना दिया। हालात को देखते हुए पुलिस बल भी तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की जा रही है। सड़क पर धरना के चलते लंबा जाम लगा हुआ है।

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मंत्री का बंगला भी घेर चुके हैं बर्खास्त शिक्षक

शनिवार की सुबह बर्खास्त शिक्षकों ने मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव कर दिया था। समायोजन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे शिक्षक सुबह 5 बजे अचानक मंत्री के बंगले पहुंचे और यहां गेट के बाहर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। जब वे नहीं उठे तो पुलिस ने जबरदस्ती उन्हें हटाया और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।

समर्थन में आए कांग्रेसी नेता

बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों का प्रदर्शन नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में चल रहा है। नौकरी से निकाले गए इन शिक्षकों के समर्थन में अलग-अलग कर्मचारी संगठनों के अलावा कांग्रेस नेता भी पहुंच रहे हैं।शुक्रवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू भी भी मौजूद रहे। इस दौरान महिला सहायक शिक्षकों ने बैज को राखी बांधी।

इस दौरान बैज ने कहा कि कांग्रेस सहायक शिक्षकों की मांगों का पूरा समर्थन करती है। सरकार का दायित्व है कि सेवाएं सुरक्षित रखी जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो रास्ता निकाल सकती है। बैज बोले कि नौकरी से सीधे हटा देना पूरी तरह गलत है। राज्य में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं, फिर भी सहायक शिक्षकों को बाहर करना गलत है।

भूपेश बघेल भी गए थे धरना स्थल

2 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी धरना स्थल पहुंचे थे। बीजेपी कार्यालय घेरने गए 30 सहायक शिक्षकों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए। उन्होंने कहा था कि जो 30 सहायक शिक्षक जेल में हैं, उनके साथ के लिए हम सब जेल जाएंगे। डरने की कोई बात नहीं है। आजादी की लड़ाई में भी जेल से हुई थी। उन्होंने कहा कि NSUI और यूथ कांग्रेस के छात्र भी बर्खास्त शिक्षकों के साथ आंदोलन पर बैठेंगे।

B.Ed मामले में जानिए अब तक क्या हुआ

पहले निकाली गई अनुनय यात्रा
बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की गई थी। रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे।

धरना स्थल पर लगाया ब्लड डोनेशन कैंप

धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद, शिक्षकों ने 22 दिसंबर को धरना स्थल में ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाया। इस शिविर में शिक्षकों ने रक्तदान कर सरकार तक यह संदेश पहुंचाया कि वे समाज और देश की भलाई के लिए समर्पित हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।