पूरन मेश्राम।
मैनपुर। विकासखंड मैनपुर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस एवं राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, संबंधित पारा क्षेत्र के मितानिन बहनों के द्वारा घर घर जाकर लोगों को फाइलेरिया और कृमि से बचाव संबंधी स्वास्थ्य शिक्षा देते हुए फाइलेरिया कृमि की दवा सेवन कराया जा रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गजेंद्र ध्रुव ने बताया कि बरसात के सीजन में मौसमी बीमारियों खासकर मच्छरों से होने वाले मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया से बचाव, जल जनित बीमारियों डायरिया- दस्त से बचाव हेतु मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम सुदूर वनांचल के समस्त ग्रामों में पहुंच कर लोगों को सामूहिक दवा सेवन के माध्यम से दवाई खिलाई जा रही हैं।
इस दौरान रैपिड डायग्नोसिस टेस्ट किट के माध्यम से पूरी जांच कर मलेरिया पॉजिटिव मरीजों का शीघ्र उपचार किया जा रहा है एवं मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में 23724 दवा लेपित मच्छरदानी का वितरण कर इसके संक्रमण की संभावना को कम की जा रही है । दस्त डायरिया से बचाव हेतु स्वच्छ पेयजल के लिए स्वास्थ्य शिक्षा देते हुए जल शुद्धिकरण का कार्य भी किया जा रहा है इसके अंतर्गत तौरेंगा, करलाझर, कुल्हाड़ीघाट अमली- मटाल, कुचेंगा आदि ग्रामों में 25 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर 376 मलेरिया पॉजिटिव मरीजों का उपचार किया गया। गंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में उपचार हेतु भेजा जा रहा है। इसी प्रकार असाध्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों का भी उच्च चिकित्सा हेतु आवश्यक व्यवस्था की जा रही है। शैक्षणिक संस्थाओं के पुनः प्रारंभ होने को देखते हुए शिक्षक स्टाफ एवं बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, कोरोना जांच संबंधी गतिविधियां किया जा रहा है।
उन्होंने विकासखंड के सभी लोगों से आह्वान किया है कि सार्वजनिक स्थानों पर अभी भी गंभीरता पूर्वक कोविड-19 प्रोटोकॉल मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड वॉश का पालन किया जावे। वेक्टर जनित रोगों से बचाव हेतु स्वच्छ और गैर संचारी रोगो से बचाव हेतु स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं ।मच्छर के पैदा होने वाले स्थानों गड्ढो में मिट्टी का तेल-आयल का छिड़काव करें जल के ठहराव वाले स्थानों को पाटे, शरीर को पूरी ढकने वाले कपड़े पहने, रात्रि को मच्छरदानी का प्रयोग करें किसी भी लक्षण बुखार, उल्टी, सिरदर्द के होने पर तुरंत जांच कराएं और दवाई का सेवन करें। विकासखंड विस्तार प्रशिक्षक मुकेश साहू ने बताया कि कृमि संक्रमण के कारण सभी लोगों में एक गंभीर कुपोषण जन्य विकृति उत्पन्न हो जाती है तथा फाइलेरिया जिसे हम आम बोलचाल की भाषा में हाथीपांव कहते हैं वह क्यूलेक्स मच्छर के काटने के कारण फैलता है।
फाइलेरिया हाथीपांव के कारण व्यक्ति को जिंदगी भर अपंगता और एकाकी और संकोची जीवन जीना पड़ता है एक बार बीमार हो जाने के पश्चात इसका ईलाज भी असंभव है इसका सिर्फ एक ही उपाय है कि हम समुदाय में सभी लोग सामूहिक रूप से फाइलेरिया से बचाव के लिए डीईसी की गोली खाएं अगर सभी लोग 5 साल तक साल में एक एक बार डीईसी की गोली खा लेते हैं तो जीवनभर फाइलेरिया हाथी पाव बीमारी से सुरक्षित रहेंगे। इस दौरान प्रमुख रूप से बीएमओं डाॅ गजेन्द्र ध्रुव, डाॅ अंकुर साहू, खंड विस्तार प्रशिक्षक अधिकारी मुकेश साहू, बीपीएम गणेश सोनी, मलेरिया सुपरवाईजर सविता विश्वकर्मा, भींगेश्वर साहू, खोज दिवान, अनुपलाल पैकरा, प्रतिभा ध्रुव, वेदवती ध्रुव, ईशुलाल पटेल सहित ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, मितानिनों द्वारा घर घर भ्रमण कर फाईलेरिया की दवा वितरण किया जा रहा है।