जिले में मुख्यमंत्री के आने से अपने ही गढ़ में पीस रहे आदिवासियों में जागी एक उम्मीद

भूपेश सरकार से मैनपुर विकासखंड राजापडा़व क्षेत्र के बुनियादी माँग की पूरी होने की आश लगाए हैं ग्रामीण

Chhattisgarh Crimes
क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए राजापडा़व क्षेत्रवासी द्वारा किया गया संघर्ष की पुरानी यादगार तस्वीर।

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पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

मैनपुर। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर राजापड़ाव क्षेत्र के 8 ग्राम पंचायत 65 गाँव पारा टोला वाला इलाका आदिवासी बाहुल्य होने के साथ ही सुदूर वनांचल में बसा हुआ क्षेत्र जहां पर वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य,बिजली,सड़क पुल पुलिया का अभाव आज भी बनी हुई है। क्षेत्र के मुखियाओ ने कई बार बुनियादी मूलभूत सुविधा के लिए सैद्धांतिक आंदोलन धरना प्रदर्शन तक किया गया लेकिन अमूमन कोई बदलाव नहीं दिखता संघर्षशील हजारों ग्रामीणों को वर्षो से शासन प्रशासन के द्वारा मात्र झुनझुना एवं आश्वासन के सिवाय कुछ भी नहीं मिला।

हायर सेकेंडरी स्कूल की मांग वर्षों से लंबित

इतने बड़े इलाके में एक भी हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं है खास करके बालिकाओं को हाईस्कूल के बाद आगे की पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ जाती है या फिर कहीं बाहर जाकर पढ़ाई करने मजबूर है। गरीब आदिवासी परिवार चाह कर भी अपने बच्चो को आगे की पढ़ाई करवाने के लिए विवश और मजबूर हैं। शोभा में हायर सेकेंडरी स्कूल की मांग करते करते वर्षों बीत गई लेकिन आज तक मांग अधूरा ही रह गया।

सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के लिए वन विभाग गंभीर नहीं

छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार वनवासियों को जल जंगल जमीन पर नैसर्गिक अधिकार मिले इस दिशा में प्रतिबंध है। जिसका विधिवत घोषणा 9अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के दिन किया गया था लेकिन इस पर पहल राजापड़ाव क्षेत्र में वन विभाग के द्वारा नहीं किया जा रहा है जिसके कारण आज भी समुदायिक वन संसाधन अधिकार ग्रामसभा को नहीं मिल पाया है।

भूतबेडा़ क्षेत्र मे हाई स्कूल की मांग अधर मे

वर्षों बीत गई लगभग 15 गांव के केंद्र बिंदु ग्राम पंचायत भूतबेड़ा में हाईस्कूल नहीं होने के कारण यहां के आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रही है आज भी गरीबा भूतबेड़ा कुचेंगा क्षेत्र के बच्चे हाई स्कूल में पढ़ाई करने 15 किलोमीटर दूर साइकल से शोभा आते हैं और फिर 15 किमी फिर वापस जाते हैं इन्हें प्रतिदिन 30 मीटर साइकिल चलाना पड़ता है।बीहड़ जंगल व नदी नाले होने के कारण छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने पहुंचते हैं क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा के प्रति जबरदस्त ललक है बड़ी संख्या में बच्चे बारिश में भींगते नदी नालों व उबड़ खाबड़ रास्तों को पार कर शिक्षा हासिल करने आते है। लेकिन अभी तक भूतबेड़ा में हाई स्कूल खोलने की मांग क्षेत्र की ग्रामीण जनता वर्षों से करने के बाद भी नही खुल पाया है।

नदी नालों पर पुलिया निर्माण वर्षों से अधूरा

अड़गड़ी, जरहीडीह, शोभा, कोकड़ी नाला में अभी तक पुलिया निर्माण की मांग करते करते क्षेत्रवासियों को वर्षों बीत गई लेकिन मांग अधूरा ही रह गया बरसात के दिनों में ग्रामीणों को कितना परेशानी होता होगा क्षेत्रवासी ही समझ सकते हैं घंटों नदी के बाढ़ को कम होने का इंतजार करते कई बार रात नाला के समीप बिताना पड़ता है।

लंबा संघर्ष के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो खुला लेकिन आधा अधूरा

मजदूर किसान संघर्ष समिति राजापडा़व क्षेत्र के बैनर तले लंबी संघर्ष करने के बाद आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शोभा मे तो खुल गया लेकिन स्वयं के भवन एवं पर्याप्त सेटअप नहीं होने के कारण अस्पताल में कहां तक कहे घाँव के टांका लगाने के धाँगा और सुई भी नहीं होने से इलाज के लिए लोगों को आज भी भटकना पड़ता है।

शोभा के पशुऔषालय भवन मे वर्षों से ताला बंद

65 गाँव के लिए क्षेत्र में एक पशु औषधालय भवन शोभा में तो है लेकिन वर्षों से ताला बंद है।समझा जा सकता है पशु पालन विभाग के योजनाओं का सफल क्रियान्वयन क्षेत्र में कैसे होता होगा।

बिजली लगाने की तैयारी हो तो रही है लेकिन शेष छूटे गांव के लोग आज भी इंतजार में

बिजली लगाने के लिए क्षेत्र में सर्वे किया गया जिसमें और भी गांव छूट रहे हैं वहां भी विद्युतीकरण की जरूरत है छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार के पहल से बिजली लगाने के लिए पहल तो हो रही है शेष गांव के लोगों को आज भी इंतजार है।

वन विभाग के कार्य प्रणाली से क्षेत्रवासी भंयकर नाराज

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व वन विभाग तौरेंगा परिक्षेत्र के द्वारा क्षेत्र के जंगलों में पौधारोपण, तालाब निर्माण, नर्सरी सहित विभिन्न कार्य करवाया गया है लेकिन दो साल बीतने को है अभी तक के 8 से 10 लाख रुपये मजदूरों का मजदूरी नहीं दिया जाना गंभीर मामला है।
मांग करते करते क्षेत्र के मजदूर थक हार कर परेशान हो गए वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी इन कार्यों से मालामाल तो हो गया लेकिन मजदूरो को कंगाल बना दिया गया। क्षेत्र के बुनियादी मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए एक बार और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार से उम्मीद जागी है निश्चित तौर से समाधान की दिशा में कोई काम होगी।