इस परेशानी को दूर करने के लिए स्थानीय लोगों, जन समर्पण सेवा संस्था और बोलबम सेवा समिति ने मिलकर कुएं की सफाई की। कई दिनों की मेहनत के बाद जब सारा कचरा निकाला गया, तो कुएं से फिर से पानी निकलने लगा।
इसके बाद दुर्ग नगर निगम और वार्ड पार्षद प्रतिभा गुप्ता की मदद से कुएं का सुंदर तरीके से विकास किया गया। करीब 4 लाख रुपये की लागत से वहां नाली बनाई गई, भगवान शिव की प्रतिमा लगाई गई, सुंदर पेंटिंग की गई और ‘शिव वाटिका’ का निर्माण किया गया।
अब यह जगह सिर्फ पानी का स्रोत नहीं रही, बल्कि लोगों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल भी बन गई है।स्थानीय निवासी बंटी शर्मा ने बताया कि जब शासन ने सफाई नहीं की, तो लोगों ने खुद मिलकर इसे साफ किया।75 साल के विट्ठल राज ने कहा कि पहले इस कुएं के चलते इलाके में कभी पानी की कमी नहीं हुई थी। अब इसके फिर से चालू होने से जल स्तर भी सुधर रहा है।
यह पहल दुर्ग के गंजपारा इलाके में पर्यावरण बचाने, जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और सामूहिक प्रयासों की एक बेहतरीन मिसाल बन गई है।