मुंबई। 11वें दिन की शाम और सियासी फिल्म का क्लाइमेक्स। जगह मुंबई। काले माइक के सामने फडणवीस बोलते हुए और उनकी दायीं ओर सिर पर लाल टीका लगाए हाथ बांधे मौन बैठे शिंदे।
कुछ पुरानी बातें और फिर सीधे हीरो के नाम का ऐलान- ‘एकनाथ शिंदे होंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री। आज ही शाम साढ़े सात बजे शपथ लेंगे, वो भी अकेले। भाजपा उनका समर्थन करेगी। सरकार में शामिल भी होगी, लेकिन मैं सरकार से बाहर रहूंगा।’
ये ऐसी घोषणा थी जिसने सभी न्यूजरूम की बनी-बनाई खबर बिगाड़ दी। सबने फडणवीस को मुख्यमंत्री लिख रखा था। हमने भी, खैर… इससे पहले गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे गोवा से मुंबई पहुंचे। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस उन्हें लेकर राज्यपाल से मिलने गए। और फिर सारा माजरा सामने आया।
शिंदे बोले- भाजपा ने बड़ा दिल दिखाया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकनाथ शिंदे ने कहा- बाला साहेब के हिंदुत्व और राज्य के विकास के एजेंडे के साथ हम साथ आए हैं। हम पिछली सरकार में रहते हुए भी कुछ कर नहीं पा रहे थे। इसमें किसी का कोई स्वार्थ नहीं है। बड़ी पार्टी होते हुए भी बीजेपी ने मुझे मौका दिया। देवेंद्र जी ने बड़ा दिल दिखाया। इसके लिए देवेंद्र जी का शुक्रगुजार हूं। मैं पीएम नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाहजी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का शुक्रगुजार हूं।
देवेंद्र जी कैबिनेट में नहीं होंगे, लेकिन हमें मार्गदर्शन देते रहेंगे। एक तरफ बड़े-बड़े नेता हैं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे जैसे कार्यकर्ता को मौका दिया जा रहा है। एक मजबूत सरकार हम लोगों को देखने को मिलेगी। यह सरकार देश में एक मिसाल होगी। सहयोगियों को भी धन्यवाद देता हूं। मैं छोटा कार्यकर्ता हूं, लेकिन 50 विधायकों ने मुझमें जो भरोसा दिखाया है। उस भरोसे को मैं एक खरोंच भी नही आने दूंगा। केंद्र सरकार महाराष्ट्र को मदद करेगी। इससे राज्य का विकास होगा।