महामारी के दौरान काम को लेकर अधिक दबाव से जूझ रहे हैं भारत में कर्मचारी: रिपोर्ट

Chhattisgarh Crimes

नयी दिल्ली। भारत में कर्मचारियों को काम और निजी जीवन के बीच अलगाव की कमी के साथ-साथ कोविड-19 के चलते सुस्ती को लेकर काम से संबंधित अधिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

माइक्रोसॉफ्ट के नवीनतम वर्क ट्रेंड इंडेक्स के अनुसार, भारत में 29 प्रतिशत कर्मचारी काम के अधिक दबाव का सामना कर रहे हैं। यह एशिया में दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है।

माइक्रोसॉफ्ट ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिये एक सर्वेक्षण किया, जिसमें छह हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया। ये लोग आठ देशों के थे।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सर्वाधिक 41 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों ने माना कि काम और निजी जीवन में फर्क नहीं रह जाने के कारण वे अधिक दबाव से जूझ रहे हैं।

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के कंट्री हेड (आधुनिक कार्य) समिक रॉय ने कहा, ह्यह्यपिछले छह महीनों में हमने देखा है कि कैसे कोविड-19 ने हर जगह रिमोट युग का निर्माण किया है। इसने एक भौतिक स्थान के बजाय एक आभासी दुनिया में रहने वाले व्यक्ति तक एक नये कार्यस्थल के विकास को प्रेरित किया है।

रॉय ने कहा, जैसे-जैसे व्यवसाय काम करने के नये तरीके को अपना रहे हैं, यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि कर्मचारियों के ऊपर नयी कार्य परिस्थितियों को विभिन्न आयामों के किस प्रकार के प्रभाव पड़ रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 29 प्रतिशत कर्मचारियों ने माना कि नये माहौल में उन्हें अधिक काम करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब पहले की तुलना में एक घंटे अधिक काम करना पड़ रहा है। हालांकि जर्मनी के कर्मचारियों ने माना कि नयी परिस्थितियों में पहले की तुलना में बेहद कम बदलाव आये हैं।

अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार, विश्व स्तर पर कर्मचारी पहले की तुलना में अधिक बैठकों में भाग ले रहे हैं, अधिक आॅर्डर पर काम कर रहे हैं, अधिक एड हॉक कॉल ले रहे हैं और अधिक चैट में हिस्सा ले रहे हैं।