दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल के 3 नंबर बैरक से शुक्रवार शाम को रिहा हो गए। जेल के बाहर बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने अरविंद केजरीवाल का स्वागत किया। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी तिहाड़ जेल पहुंच कर केजरीवाल का स्वागत किया है।
तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मैंने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया है लेकिन भगवान ने हर कदम पर मेरा साथ दिया है। इस बार भी भगवान ने मेरा साथ दिया क्योंकि मैं ईमानदार था।’ इसके साथ ही सीएम ने कहा, ‘मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए है।’
#WATCH | After being released from Tihar Jail, Delhi CM Arvind Kejriwal says, "I have faced many difficulties in my life but God has supported me at every step. This time too God supported me because I was honest, right…" pic.twitter.com/JHwpxY0B8V
— ANI (@ANI) September 13, 2024
जेल के बाहर से CM आवास तक रोड शो
अरविंद केजरीवाल की रिहाई से पहले शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता तिहाड़ जेल के बाहर जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए। यहां पर कार्यकर्ता केजरीवाल के समर्थन में और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। केजरीवाल की रिहाई के बाद अब तिहाड़ जेल से लेकर सीएम आवास तक रोड शो किया जा रहा है।
CM आवास के बाहर कार्यकर्ताओं का जश्न
अरविंद केजीरवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले मामले पर जमानत दी है। दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर आम आदमी पार्ट कार्यकर्ताओं ने नाच-गाकर जश्न मनाया। साथ ही केजरीवाल के आवास के बाहर आप कार्यकर्ताओं ने पटाखे भी फोड़े हैं।
दिल्ली पहुंचे पंजाब सीएम भगवंत मान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के कुछ ही घंटों बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान शुक्रवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे। सीएम मान ने आम आदमी पार्टी के नेताओं से मुलाकात भी की है।
21 मार्च को केजरीवाल हुए थे गिरफ्तार
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दी गई थी और वह 2 जून को सरेंडर करने के बाद से जेल में हैं।
नहीं जा सकते सीएम कार्यालय
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा कि वह अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं। किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं, जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए बिल्कुल आवश्यक न हो।