ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले में छापेमारी के बाद कारोबारियों से प्रॉपर्टी, ज्वेलरी, निवेश, लेनदेन के दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन और 1 करोड़ 9 लाख रुपए का हिसाब मांगा है। साथ ही इसके दस्तावेजी साक्ष्य पेश करने को कहा है। इसका हिसाब नहीं देने पर घोटाले से अर्जित ब्लैकमॅनी मानकर सीज किया जाएगा। आय-व्यय और अर्जित होने वाले स्रोत का ब्यौरा देने पर इसका परीक्षण किया जाएगा।
शराब घोटाले में लगातार छापेमारी के बाद जल्दी ही गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू होगा। ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों के परीक्षण और पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं देने पर गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
शराब घोटाले की जांच छत्तीसगढ़ और यूपी के नोएडा से होते हुए मुंबई तक पहुंच गई है। बताया जाता है कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी के बेटे हरीश और छापेमारी की जद में आने वाले रायपुर के जी नागेश द्वारा मुंबई के ठाणे में एक कारोबारी के निवेश करने के इनपुट मिले थे। इसकी जांच करने के लिए ईओडब्ल्यू की टीम मुंबई गई है। बताया जाता है कि शराब घोटाले से अर्जित ब्लैकमॅनी पकडे़ जाने के डर से मनीलॉन्ड्रिग के जरिए रकम को जांच एजेंसी ने निवेश करना बताया है।