रायपुर. मंगलवार को एसटी-एससी वर्ग के युवाओं द्वारा किए गए नग्न प्रदर्शन के बाद प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. मामले में अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा को लेकर मुख्य सचिव ने गुरुवार 20 जुलाई को बुलाई है. बैठक में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों की नौकरी निरस्त करने की समीक्षा होगी. इस संबंध में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव डी.डी. सिंह ने विभिन्न विभागों के आला अफसरों को अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी के साथ बैठक में आने के लिए पत्र लिखा है.
बैठक के लिए सामान्य प्रशासन विभाग, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, गृह विभाग, उर्जा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, सहकारिता विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आला अफसरों को पत्र लिखा गया है.
दरअसल, मंगलवार को विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हुई. सत्र के पहले दिन SC-ST वर्ग के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया. हालांकि विधानसभा पहुंचने से पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोककर हिरासत में ले लिया. प्रदर्शनकारियों की मांग है की फर्जी जाति मामले में कार्रवाई की जाए. जिसको लेकर यह नग्न प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायते मिली थी कि गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकीय नौकरियों और राजनीतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे हैं. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी. जिसके रिपोर्ट के आधार पर समान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटाकर उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिया.
इन युवाओं का कहना है कि सरकारी आदेश कों पालन में नहीं लाया गया. फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए, तो कुछ ने जांच समिति के रिपोर्ट को न्यायलय में चुनौती दी. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग हैं जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने का मौज काट रहे और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाए दे रहे हैं. इसे लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया.