रायपुर। छत्तीसगढ़ के किसान भी अब आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। नवा रायपुर के किसान भी कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले 12 दिन से किसान सड़कों पर हैं। ये विरोध -प्रदर्शन किसान संघ के बैनर तले किया जा रहा है। युवाओं के साथ महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी इस आंदोलन में शामिल हैं। किसानों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के समय किया गया वादा राज्य सरकार ने अब तक पूरा नहीं किया है। उनका कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं वह अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे।
खबर के मुताबिक नवा रायपुर में चल रहे किसानों के आंदोलन को कई अन्य किसानों और दूसरे संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। वहीं प्रदर्शनकारी किसानों की बातचीत सरकार के साथ फेल होने के बाद किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। नवा रायपुर में हजारों की संख्या में किसान कड़ाके की सर्दी में सरकार का विरोध कर रहे हैं। किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर के मुताबिक बातचीत के लिए स्थानीय विधायक और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने रायपुर इलाके के सात गांवों के सरपंचों को बातचीत के लिए बुलाया था।
सरपंचों ने उनके सामने किसानों की मांगों को रखा. उन्होंने बताया कि मंत्री शिव डहरिया ने किसानों की मांगों को नाजायज बताते हुए उसे पूरा न करने की बात कही। इसकी वजह से यह बातचीत असफल रही। चंद्राकर ने कहा कि अगर पहल सार्थक होती है तो किसान बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जब बीजेपी सत्ता में थी तो उस समय कांग्रेस कुछ और ही कहती थी लेकिन अइब जब वह सत्ता में हैं तो कुछ और बोल रहे हैं। उन्होंने सरकार पर किसानों, मजदूरों और युवाओं से छल करने का आरोप लगाया।
इतनी बड़ी संख्या में किसान नवा रायपुर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं कि चूल्हा जलाने के लिए बड़ी संख्या में लकड़ियों की जरूरत पड़ रही है। खबर के मुताबिक हर दिन करीब 7 हजार लोगों का खाना बनाया जा रहा है। इस आंदोलन को गांव के युवा, बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी अपना समर्थन दे रहे हैं लोग आंदोलनकारियों को जलाने के लिए लकड़ियां और राशन तक दे रहे हैं। पिछले 12 दिनों से किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी है।