मैनपुर। गरियाबंद जिले के उदंती अभ्यारण्य जो राज्य पशु वनभैंसो के लिए पूरे प्रदेश में विख्यात है।उदंती अभ्यारण्य से एक बड़ी खबर निकलकर आ रही है कि एक मात्र मादा वनभैंसा 7 वर्ष की थी जिसको संरक्षण व संर्वधन केन्द्र में रखा गया था। बीते रात इस मादा वनभैंसा खुशी की मौत हो गई वनभैंसा की मौत की खबर लगते ही पूरे वन विभाग में हडकंप मच गया है।
मादा वनभैसा की मौत के खबर के बाद मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी राजेश पाण्डेय, उदंती सीता नदी टाईगर रिजर्व के उप निदेशक आयुष जैन तथा वन विभाग के आला अफसर उदंती अभ्यारण्य पहुंच गये है। डॉक्टरोें की टीम वनभैंसा की मौत के कारणों का पता लगा रहे है। उंदती अभ्यारण्य में राजकीय पशु मादा वनभैंसा एक ही थी जिनका मौत से पूरे प्रदेश को बहुत बडी क्षति पंहुची है। इस मादा वनभैंसा के मौत की पुष्टि उंदती सीता नदी टाईगर रिजर्व के उप निदेशक मंयक अग्रवाल ने की है। ज्ञात हो कि एक सप्ताह पहले मादा वन भैंसा खुशी के डीएनए टेस्ट पर सवाल उठ रहा था कि आखिर वन विभाग डीएनए टेस्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है। फिर अचानक जिस वन भैंसा को बचाने वन विभाग पानी की तरह पैसा बहाया था आखिर मौत कैसे हो गई निष्पक्ष जांच के बाद ही वास्तविकता पता चल पाएगी ।