सड़क हादसे में महिला नर्स की हुई मौत, मासूम बच्चियों के सिर से उठा मां का साया

Chhattisgarh Crimes

दुर्ग। शहर में आरटीओ ऑफिस के पास एक सड़क हादसे में जिला अस्पताल में पदस्थ नर्स की मौत हो गई। परिजनों ने हादसे का जिम्मेदार दुर्ग निगम प्रशासन को ठहराया है, उनका आरोप है कि सड़क किनारे गढ्ढे को बंद करके वक्त वहां जानकारी के लिए सुरक्षा संकेत नहीं लगाए गए थे। इस लापरवाही के चलते उनकी बेटी हादसे का शिकार हुई और उसकी मौत हो गई है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

हादसे में मृत नर्स का नाम संध्या यादव है, जो शनिवार की शाम ड्यूटी खत्म होने के बाद स्कूटी से घर के लिए निकली थी। इस दौरान रास्ते में खालसा स्कूल के पास तिब्बत मार्केट गई। जहां उसने बच्चों के लिए स्वेटर ख़रीदा, लेकिन जब वह घर पहुंची तो बच्चों ने रंग पसंद नहीं आने की बात कही, इसके बाद संध्या घर की नौकरानी के साथ स्कूटी पर बैठकर स्वेटर बदलने चली गई। स्वेटर बदलने के बाद दोनों आरटीओ से जेल रोड होते हुए अपने घर जा रही थीं।

दुर्ग आरटीओ ऑफिस के सामने पानी की पाइपलाइन फूटने की वजह से निगम ने वहां मरम्मत के बाद गड्ढा खोदकर छोड़ दिया था। सुरक्षा संकेत नहीं होने की वजह से संध्या हड़बड़ा गई और उसकी गाड़ी का पहिया फिसल गया। इस दौरान नौकरानी गड्ढे की तरफ गिरी, लेकिन संध्या सड़क की तरफ गिरी और उसी समय पीछे से आ रहे एक बाइक सवार ने उसे कुचल दिया।

 

घर पर पसरा मातम

घटना के बाद संध्या को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां बहुत अधिक खून बहने की वजह से उनकी मौत की पुष्टि की गई। दुर्ग पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। नर्स की मौत के बाद से परिजनों और उनकी बड़ी बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है। संध्या अपने 11 साल और 19 माह की दो बेटियों और पति सुरेश के साथ शासकीय आवास में रहती थीं। इस हादसे में दोनों बेटियों के सिर से मां का साया उठ गया है।