वन विभाग की कार्रवाई, पेंगोलिन के अवशेष के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार

Chhattisgarh Crimes

कांकेर। वन विभाग ने दुर्लभ जीव पेंगोलिन के अवशेष के साथ तीन आरोपी को गिरफ्तार किया है. यह बड़ी कार्रवाई मुखबिर से सूचना मिलने पर हुई है. लाखों की कीमत के अवशेष को बेचने के फिराक में आरोपी घूम रहे थे.

वन विभाग ने बताया कि कुछ लोग ठेल्काबोर्ड पहाड़ी के आसपास में वन्य प्राणियों के अवशेष लेकर बेचने के लिए खरीदार का इंतजार कर रहे थे. सूचना मिलते ही वन मंडल अधिकारी कांकेर के मार्गदर्शन में प्रशिक्षु वन मंडल अधिकारी दिनेश कुमार पटेल एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी कांकेर ने एक टीम बनाकर इस क्षेत्र की घेराबंदी की. लगभग मावली नगर की ओर से दो लोग हरेंद्र कुमार साहू पिता नारद राम साहू निवासी मावली नगर ठेल्काबोर्ड और मानसिंह मंडावी पिता बोरसिंह मंडावी निवासी मावली नगर ठेल्काबोर्ड एक झोला पकड़कर आरएफ 68 ठेल्काबोर्ड पहाड़ी के पास आए. वन विभाग की टीम पहले से ही इस जगह में घेराबंदी कर छीपी हुई थी. उचित समय देखकर तत्काल आरोपियों को पकड़ने के लिए निकले, जिन्हें घटनास्थल पर रंगे हाथ पकड़ा गया.

पकड़ने के बाद हरेंद्र कुमार साहू और मानसिंह मंडावी की तलाशी ली गई, जिसमें अनुचित एक के वन्य प्राणी पैंगोलिन का मांस नाखून बाहरी आवरण सल्क जिसका वजन 2.6 किलोग्राम जप्त किया गया. इसके बाद आरोपी हरेंद्र कुमार साहू से पूछताछ करने पर बताया कि अरुण कुमार नागवंशी जा पेशे से शिक्षाकर्मी है के द्वारा वन्य प्राणी पेंगोलिन का मांस नाखून बाहरी आवरण सल्क उपलब्ध कराना बताया गया. इसके बाद हरेंद्र कुमार साहू ने मोबाइल से अरुण कुमार नागवंशी से वन्य प्राणी के अन्य और अंगों की खरीदी की बात कह कर घटनास्थल पर बुलाया गया, लेकिन अरुण कुमार नागवंशी घटनास्थल पर ना पहुंचकर मकडी ढाबा से आगे भानूप्रतापपुर रोड में मिलने के लिए पहुंचा. इसके बाद वन विभाग की टीम ने घेराबंदी कर अरुण कुमार नागवंशी को पकड लिया.

अरुण कुमार नागवंशी से पूछताछ करने पर हर्रा ठेमा जिला बालोद से अंदर गांव से जीवित पेंगोलिन के सौदा करने की बात कबूल की. पूछताछ के दौरान अरुण कुमार नागवंशी ने मोबाइल क्रमांक 9301894738 से वन्य प्राणी पैंगोलिन के अंगों को उपलब्ध कराना बताया. साथ ही मांग के अनुसार संबंधित ग्राहकों से बातचीत करना भी बताया. इसके बाद तीनों आरोपी हरेंद्र कुमार साहू, मानसिंह मंडावी और अरुण कुमार नागवंशी पिता को न्यायालय कांकेर के समक्ष प्रस्तुत किया गया.