ग्राहक बनकर पहुंचे वन अफसरों ने जिंदा पेंगोलिन के साथ दो तस्करों को धर दबोचा

Chhattisgarh Crimes
गरियाबंद। आज मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर जे.आर. नायक के निर्देशन एवं वनमण्डलाधिकारी गरियाबंद मयंक अग्रवाल के मार्गदर्शन में वन्यप्राणी की तस्करी की सूचना मुखबीर से मिलने पर वन अफसरों द्वारा तस्करों को पकड़ने जाल बिछाया गया,
विगत तीन-चार दिन लगातार निगरानी के पश्चात आज 23 जनवरी को वन कर्मचारी द्वारा व्यापारी बनकर पेंगोलिन का सौदा एक लाख पचास हजार रूपये में तय किया,तय होने के पश्चात तस्करों के द्वारा रसेला बुलाया गया। वहां से जंगल रास्ते होते हुये लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलकर महासमुन्द जिले के बागबाहरा क्षेत्र में बोकरामुड़ा के पास तुलसीपारा लारी में पेंगोलिन को दिखाया गया। पेंगोलिन के साथ जैसे ही तस्कर व्यापारी बने वन कर्मचारी सौप ही रहे थे कि घेरा बंदी में पहुंचे गरियाबंद परिक्षेत्र,छुरा परिक्षेत्र के कर्मचारी द्वारा चारो तरफ से घेरा बंदी कर तस्करों को दौड़ाकर धर दबोचा। उनके द्वारा भाग कर बोरा में छुपाये गये पेंगोलिन को भी जिंदा बरामद किया गया।

तस्करों को पकड़ने के अभियान में उपवनमण्डलाधिकारी गरियाबंद मनोज चन्दाकर एवं गुलशन कुमार साहू वन परिक्षेत्र अधिकारी
गरियाबंद,लोकेश्वर सिंह चौहान सहायक परिक्षेत्र अधिकारी बारूका,शिव नारायण वर्मा सहायक परिक्षेत्र अधिकारी गरियाबंद,वन परिक्षेत्र छुरा के कर्मचारी, बागबाहरा परिक्षेत्र के कर्मचारी एवं गरियाबंद परिक्षेत्र के वनरक्षक मुकेश निषाद, परमेश्वर साहू, लक्ष्मण यादव,देवेन्द्र तिवारी, दाऊलालमण्डले, उमाशंकर साहू का विशेष योगदान रहा।

दोनो तस्कर तिलक मरकाम वल्द दलसाय मरकाम जाति-गोंड़, उम्र 42 वर्ष एवं बलराम मरकाम वल्द पुनऊ राम मरकाम ग्राम-घोटपानी तहसील-छुरा को वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9 की सहपठित धारा 2 (16), धारा 39 (3) अ, ब, स, धारा 48 (क), धारा 49, 50, 51, 52 के तहत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 17412/16 दर्ज करते हुये माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गरियाबंद पेश किया गया जिसे 14 दिन की न्यायिक रिमाण्ड में जेल भेजा गया।