किसान आत्महत्या मामले में पूर्व कृषि मंत्री ने की न्यायिक जांच और मुआवजा देने की मांग

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने दुर्ग जिले में किसान की आत्महत्या मामले पर न्यायिक जांच की मांग की है। साथ ही मृतक के परिजनों को 15 लाख का मुआवजा देने की मांग की है। पूर्व कृषि मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार का काम केवल केंद्र सरकार का विरोध करना है, केवल किसान के नाम पर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

इधर दुर्ग के किसान की आत्महत्या के मामले की जानकारी लेने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू मातरोडीह पहुंचे हैं, उन्होने मृतक के परिजनों और अधिकारियों से जानकारी ली है, गृह मंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि किसानों के खेतों में होने वाली बीमारियों की पूरी जानकारी लें, कौन सी दवा उपयोग में लेना है उसकी जानाकरी दें। ‘लीफ ब्लाइट’ और ‘सिफ ब्लाइट’ नामक बीमारी से धान को नुकसान हो रहा है। कुछ किसानों के खेतों में इस बीमारी के होने की जानकारी मिल रही है।

वहीं कृषि अधिकारी सहित तहसीलदार भी मातरोडीह गांव पहुंचे हैं, उन्होने परिजनों से जानकारी ली है, खेत जाकर भी उन्होने फसल का जायजा लिया है, धान में लीफ ब्लाइट बीमारी होने की जानकारी मिली है। बता दें कि दुर्ग जिले में फसल का नुकसान होने से आहत एक किसान ने खुदकुशी कर ली है। किसान ने अपनी पीड़ा को एक चिट्ठी में लिखा और इसके बाद यह आत्मघाती कदम उठा लिया। किसान का शव आज सुबह उसके खेत की मेढ़ पर एक पेड़ में फांसी पर लटका मिला।

इसकी सूचाना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। घटना को लेकर गांव में शोक का माहौल है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को वहां से उतार कर पंचनामे के लिए भेजा है। शव के नजदीक मिले सुसाइड नोट को पुलिस ने जब्त कर लिया है।

यह घटना दुर्ग जिले के मचांदूर पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले मातरोडीह गांव की बताई जा रही है। यहां रहने वाले एक किसान डुगेश कुमार निशाद की खड़ी फसल बारिश की वजह से चौपट हो गई। इस वजह से किसान बेहद सदमे में था। उसकी खुद की डेढ़ एकड़ जमीन थी और चार एकड़ जमीन उसने रेगहा पर ली थी। उसने धान की फसल पांच एकड़ में लगाई थी, जिसमें ब्लास की बीमारी हुई थी। आस-पास के खेतों में अच्छी फसल लहलहा रही थी, जबकि सिर्फ उसकी फसल खराब हो गई थी। इसी वजह से वह बेहद सदमे में था। वह रोज की तरह अपने खेत की ओर गया और देर रात तक वापस नहीं लौटा। रात के वक्त वहां उसने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने फसल छति का उल्लेख करते हुए इस वजह से मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान होने की बात लिखी है।

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