रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की जा रही मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन योजना को कांग्रेस का एक और नया झूठ व छल बताया है. उन्होंने योजना को नितांत अव्यावहारिक करार दिया.
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने गुरुवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में आहूत पत्रकार वार्ता में कहा कि चुनाव के करीब आते ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के माध्यम से कराए जा रहे भरोसे का सम्मेलन प्रदेश सरकार के प्रति कांग्रेस नेतृत्व और प्रदेश की जनता के खत्म हो चुके भरोसे का प्रतीक बन चुका है. उन्होंने कहा कि उक्त योजना में 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले और 10 वर्ष पूर्व पंजीबद्ध अभ्यर्थियों को 1500 रुपए प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस योजना में अर्हताएँ प्राप्त पंजीकृत मजदूर कुल वृध्द मजदूरों का एक प्रतिशत भी नहीं है, इस लिहाज से यह योजना मात्र दिखावा है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष मजदूरों के नवीनीकरण की प्रक्रिया में ऐसे पात्र मजदूरों की संख्या नगण्य है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जो अटल पेंशन योजना लागू की है, उसमें 45 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति यदि 15 साल तक अपना अंश जमा करता है, तो उसे 60 वर्ष की आयु के बाद आजीवन प्रतिमाह 15 सौ रुपए से लेकर 5 हजार रुपए बतौर पेंशन मिलेंगे. इस लिहाज से प्रदेश सरकार की यह योजना पूर्णतः फर्जी है.
उन्होंने बताया कि श्रम विभाग में कौशल विकास योजना के तहत करीब 10 करोड़ रुपए से ज्यादा कंपनियों को भुगतान किया गया है. केन्द्र की आरपीएल कौशल विकास योजना में जिस राष्ट्रीय कंपनी को मजदूरों के कौशल विकास योजना का कार्य दिया था, उसे मंत्री के नजदीकी एक ही व्यक्ति को पेटी कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया और बड़ी संख्या में मजदूरों का फर्जी कौशल उन्नयन किया गया. फर्जी तरीके से राशि की बंदरबांट की गई है. इस योजना में मजदूरों के कार्यस्थल पर प्रशिक्षण दिया जाना है, जबकि श्रम विभाग द्वारा श्रम कार्यालयों में फर्जी मजदूरों का प्रशिक्षण कराकर भारी राशि का घोटाला किया गया है.
पांडेय ने कहा कि मंडल की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में वर्तमान सरकार ने अधिकांश योजनाओं का लाभ उसकी प्रक्रिया को जटिल करते हुए बंद कर दिया है. श्रमिकों के बीच लोकप्रिय कन्या विवाह योजना, जिसके तहत श्रमिकों की कन्याओं के विवाह हेतु 20 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती थी, और नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, जिसके तहत श्रमिकों के बच्चों को 15 सौ रुपए से लेकर 55 हजार रुपए तक की छात्रवृत्ति कक्षा 1 से लेकर स्नातकोत्तर के छात्रों को प्रदान की जाती थी. इन योजनाओं को प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पूर्णतः बंद कर दिया है.
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री पांडेय ने कांग्रेस अध्यक्ष और गांधी परिवार के ‘मुखौटा’ मल्लिकार्जुन खड़गे के छत्तीसगढ़ प्रवास के मद्देनजर एक बार फिर सवालों के जरिए हमला बोला और उन सवालों का जवाब मांगा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पीएससी की गड़बड़ियों और गोटाले के पीड़ित अभ्यर्थियों से मिलेंगे? राहुल गांधी के सामने पीएससी के अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी की शिकायत की थी. क्या राहुल गांधी ने इस बारे में प्रदेश सरकार को कोई निर्देश दिए हैं? यदि हाँ तो क्या उस पर कार्रवाई होगी? यदि मुख्यमंत्री बघेल पर कांग्रेस को भरोसा है तो आज कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे क्या भरे मंच से यह ऐलान करेंगे कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सीएम के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी और सीएम बघेल पाटन से ही चुनाव लड़ेंगे.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम के ननिहाल आकर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को यह जवाब देना चाहिए कि देश में सनातन धर्म को समाप्त करने संबंधी उनके बेटे प्रियंक खड़गे और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बघेल के पिता नन्द कुमार बघेल के बयानों के लिए वह माफ़ी मांगेगे? कांग्रेस अध्यक्ष के नाते वे प्रियंक खड़गे पर के खिलाफ कोई संगठनात्मक कार्रवाई करेंगे? राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 200 फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का वादा किया था. खड़गे बताएँ कि कितनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगी और किसान के कितने बच्चों को रोजगार मिला?