पूर्व मंत्री बोले- कवासी का नक्सलियों से है कनेक्शन;  मंत्री लखमा ने कहा- BJP सिर्फ राजनीति करती है, हमने बहुत कुछ खोया

Chhattisgarh Crimes

जगदलपुर। बीजापुर विधानसभा से MLA विक्रम मंडावी के काफिले पर हुए नक्सल हमला के बाद सियासी बयानबाजी जारी है। CG के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि, इससे पहले हुए नक्सल हमले में हमने बहुत कुछ खोया है। संवेदनशील मामला है। भाजपा केवल राजनीति कर रही है। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कवासी से कहा कि, इनका हाथ उनके साथ है। महेश ने कहीं न कहीं कवासी लखमा का नक्सलियों के साथ कनेक्शन होने का इशारा किया है।

जगदलपुर में कवासी लखमा ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि, विधायक विक्रम के साथ जो घटना हुई वो बहुत ही दुखद है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर पहली बार हमला नहीं हुआ है। इससे पहले भी हमला हुआ है। लखमा ने कहा कि, जब तक IG, SP अनुमति न दें तब तक चाहे CM भूपेश बघेल हो या गृहमंत्री किसी को भी नुक्कड़ सभा में नहीं जाना चाहिए। नेतागिरी बाद में कर सकते हैं। जिंदगी बड़ी है। मंत्री ने कहा कि, नक्सल हमला पर भाजपा के नेता केवल बयानबाजी कर रहे हैं। हमला चाहे छोटा हो या बड़ा, राजनीति से ऊपर उठकर प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

आबकारी मंत्री के बयानों का पूर्व मंत्री और भाजपा नेता महेश गागड़ा ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, हमारे भाजपा नेताओं पर लगातार हमला हो रहा है। हाल ही में कई मारे गए हैं। उन्होंने लखमा से सवाल करते कहा कि, सरकार उनकी है तो उनके नेताओं पर हमला कैसे हो रहा? उनके मुख्यमंत्री और गृह मंत्री इन दोनों के बयानों में भी विरोधाभास है। लखमा को हमें कुछ कहने से पहले अपने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से पूछना चाहिए कि हमला हुआ है या नहीं?

जब महेश गागड़ा से पूछा गया कि, झीरम हमले के बाद लखमा का नक्सल होने की बात उठी थी, तो अब वर्तमान में आप लोग इसे किस नजरिए से देखते हैं? इसका जवाब देते हुए गागड़ा ने कहा कि, मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है। इनके कांग्रेस के नेता और जनता सब कुछ जानती है। बस इतना कहूंगा इनका हाथ उनके साथ है।

यह था पूरा मामल

18 अप्रैल को बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी गंगालूर गांव गए हुए थे। वे साप्ताहिक बाजार में नुक्कड़ सभा में शामिल हुए। फिर शाम के वक्त जिला मुख्यालय लौट रहे थे। वहीं पदेड़ा गांव के पास नक्सलियों ने विधायक के काफिले पर हमला कर दिया था। जिस वाहन में जिला पंचायत सदस्य पार्वती कश्यप बैठीं थीं उस वाहन में गोलियां लगी थी। हालांकि, सभी सुरक्षित जिला मुख्यालय लौट आए थे। ऐसा बताया जा रहा है कि, यदि वाहनों को निकलने में थोड़ा और वक्त लगता तो नक्सली विधायक के काफिले को पूरी तरह अपने एंबुश में फंसा लेते।