जांजगीर-चांपा। चांपा में करीब 14 साल पहले एक चिटफंड कंपनी के माध्यम से हुई ठगी के मामले में सीजेएम जांजगीर ने 5 साल चली सुनवाई के बाद राजस्थान के पूर्व विधायक बनवारी लाल कुशवाहा को जुर्माना सहित 7 साल के कारावास की सजा सुनाई है। कंपनी ने निवेशकों से 5 साल में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर 2 करोड़ 68 लाख रुपये ठगे थे। मामले में 4 अन्य आरोपी फरार हैं।
जिला अभियोजन अधिकारी नंद कुमार पटेल के अनुसार, साल 2010 में चांपा के लायंस चौक पर गरिमा होम एंड रियल स्टेट कंपनी खोली गई थी। इस कंपनी ने 5 साल में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर लोगों से 2 करोड़ 68 लाख रुपये जमा कराए। इसके लिए बाकायदा एजेंटों की नियुक्ति भी की गई थी। जब कंपनी द्वारा दी गई 5 साल की अवधि खत्म होने को आई, तो सभी कर्मचारी कंपनी के कार्यालय में ताला लगाकर फरार हो गए।
जब निवेशकों को इस बात की जानकारी हुई, तो उन्होंने चांपा थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस की जांच में सामने आया कि कंपनी के हेड बनवारी लाल कुशवाहा इस मामले के मुख्य आरोपी हैं। कुशवाहा पहले राजस्थान की धौलपुर विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इस ठगी को अंजाम दिया। इसके बाद पुलिस ने बनवारी लाल कुशवाहा को गिरफ्तार किया और अभियोग पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। कोर्ट में सभी गवाहों का बयान लिया गया और रकम के एवज में दिए गए बांड पेपर का अवलोकन किया गया, जिससे ठगी की पुष्टि हुई।
5 साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला
5 साल चली सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जांजगीर, सर्व विजय अग्रवाल ने पूर्व विधायक बनवारी लाल कुशवाहा को दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल के कारावास और 30-30 हजार रुपये, कुल 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त चिटफंड अधिनियम के तहत 3 साल के कारावास और 3 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी दी। कोर्ट ने फरार अन्य आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के लिए पुलिस को निर्देशित किया है।