इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस का झांसा देकर 49 लाख की ठगी, चार अंतरराज्यीय ठग गिरफ्तार

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस का झांसा देकर यूपी के गाजियाबाद के आरोपियों ने राजधनी के पति-पत्नी से 49 लाख ठग लिए। पुलिस के पास जब रिपोर्ट मिली, तब आरोपियों ने जिन नंबरों से कॉल किया था, उनके लोकेशन के आधार पर गाजियाबाद से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि तीन अभी भी फरार हैं। इनमें से एक आरोपी लड़की की आवाज में अलग-अलग मोबाइल नंबरों से नाम बदलकर बात करता था और पहले बोनस में बड़ी राशि मिलने का लालच देता था। जब लोग झांसे में आ जाते थे तो प्रोसेसिंग फीस के नाम पर अपने खातों में पैसे जमा करवाता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन एटीएम कार्ड भी जब्त किए हैं।

पुलिस ने बताया कि गुढ़ियारी रोड खमतराई निवासी मनमोहन वर्मा ने अपने और पत्नी गीता वर्मा के नाम पर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस व आदित्य बिड़ला लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी ली थी। 6 फरवरी को वर्मा के मोबाइल पर कॉल आया। जिसने फोन किया था, उसने अपना नाम सुरेश बंसल बताया और खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बताया। सुरेश ने वर्मा व उनकी पत्नी के नाम की पॉलिसी में बोनस मिलने की बात कही। इसे हासिल करने के लिए पहले 32600 रुपए मांगे। वर्मा को भरोसा हो गया और आरोपियों ने जो एकाउंट नंबर दिया, उसमें पैसे जमा कर दिए। हालांकि उन्हें राशि नहीं मिली।

कुछ दिनों बाद वर्मा को सुधीर त्यागी नाम से एक और फोन आया। उसने बोनस की राशि के लिए और पैसे जमा करने कहा। इस पर वर्मा 50 हजार रुपए जमा किए। इस तरह अलग-अलग नंबरों से फोन आते थे और वर्मा पैसे जमा करने लगे। वर्मा ने कुल 49.34 लाख रुपए जमा किए, फिर भी जब बोनस की राशि नहीं मिली, तब खमतराई थाने में रिपोर्ट लिखाई।

इस तरह पुलिस ने शुरू की पड़ताल

पुलिस के पास जब यह रिपोर्ट पहुंची, तब पहले प्रार्थी से डिटेल पूछताछ की गई। जिन नंबरों से कॉल आया था, उन नंबरों का विश्लेषण करने के साथ ही जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उन खातों के संबंध में भी संबंधित बैंकों और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस व आदित्य बिड़ला लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों से दस्तावेज जुटाए गए। अंततः आरोपियों के बारे में पुलिस को कुछ जानकारी मिली और उनका लोकेशन यूपी के गाजियाबाद में होने का पता चला। इसके बाद क्राइम ब्रांच और खमतराई थाने की टीम गाजियाबाद गई। टीम के सदस्यों ने गाजियाबाद में लगातार कैम्प कर पहले जानकारी जुटाई। इससे यह पता चला कि बेहद सतर्कता से वारदात को अंजाम दिया गया है। जो नंबर इस्तेमाल किए गए थे, उसमें दर्ज पता और बैंक खातों में दर्ज पता फेक निकला। जो नंबर इस्तेमाल किए गए थे, वे सिर्फ ठगी के लिए ही इस्तेमाल किए गए थे।

आखिरकार लंबी तफ्तीश और तकनीकी की मदद से आरोपी राहुल वर्मा और शिवम शर्मा के संबंध में सूचना मिली। दोनों नोएडा स्थित एक प्राइवेट जीएसटी कंपनी में काम करते थे। इस पर टीम ने दोनों को दफ्तर से गिरफ्तार किया। दोनों से कड़ाई से पूछताछ करने पर बाकी साथियों राहुल सिंह, दिवाकर वर्मा, पुनीत शर्मा, गौरव यादव और निश्चल गुप्ता के साथ मिलकर ठगी के रैकेट का खुलासा हुआ। पुलिस ने राहुल सिंह और दिवाकर वर्मा को गिरफ्तार किया। हालांकि तीन अन्य का पता नहीं चल पाया। आरोपी जिन बैंक खातों में रकम मंगवाते थे, उन्हें सीज कराने की कार्यवाही की जा रही है।