कृषि विज्ञान केंद्रों की 28वीं क्षेत्रीय कार्यशाला में गरियाबंद केवीके की भागीदारी

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गरियाबंद। मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की 28वीं क्षेत्रीय कार्यशाला में इस क्षेत्रीय कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्र गरियाबंद की भागीदारी रही। कार्यशाला में किसानो की आय दुगुनी पर सफल किसान अवनीश पात्र, देवभोग की प्रस्तुति वर्चुअल माध्यम से की गई एवं मंगलवार को कृषक उत्पादक संगठन पर जय कोपेश्वर नाथ कृषि उत्पादक कंपनी लिमिटेड, भेन्ड्री, फिंगेश्वर के निदेशक व अध्यक्ष गिरधारी साहू शामिल हुए एवं कृषि विज्ञान केन्द्र गरियाबंद की विगत वर्ष किये गए कार्यो व आगामी कार्ययोजना की विस्तृत समीक्षा की प्रस्तुति भी इस क्षेत्रीय कार्यशाला में किया जाना है। इस कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक अधिकारी-कर्मचारी तथा किसानबंधु वर्चुअल जुड़े थे।

ज्ञात हो कि कार्यशाला का वर्चुअली उद्घाटन सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना के संकटकाल में भी केवीके के वैज्ञानिक, सूचना-संचार तकनीकों एवं कृषि विभाग के साथ मिलकर किसानों को उचित तकनीकों द्वारा लाभ पहुंचा रहे है, जो सराहनीय है। पशु धन एवं मछली पालन के विकास के लिए भी हमारे केवीके पूरे जज्बे के साथ कार्य कर रहे हैं तथा कृषि व सभी सम्बद्ध क्षेत्रों की सतत प्रगति व किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। वर्तमान में 723 केवीके, आईसीएआर की इकाइयों, गैर सरकारी संस्थानों व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जा रहे है, जिनसे किसानों को बहुत मदद मिल रही है। छग में 28 केवीके हैं, जिनमें से 7 नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में है।

यहां तमाम चुनौतियों के बीच भी केवीके सुचारू काम कर रहे हैं, इसके लिए उन्होंने सभी वैज्ञानिकों व अन्य स्टाफ को बधाई-शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ये सभी विंग बहुत जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं। केवीके की टीमें जिलों व गांवों तक बखूबी काम कर रही है और कृषि संबंधी विभागों के साथ मिलकर विभिन्न कृषि कार्यक्रमों को लागू करने में तकनीकी समर्थन व सामयिक जानकारी उपलब्ध कराने के प्रमुख स्रोत के रूप में अहम भूमिका का निर्वहन कर रही