सेंट्रल डेपुटेशन से लौटे आईएएस सोनमणि बोरा को सरकार ने दी पोस्टिंग

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। आईएएस सोनमणि बोरा को राज्य सरकार ने पोस्टिंग दे दी है। उन्हें आदिम जाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। अभी तक यह विभाग नरेंद्र दुग्गे के पास था। दुग्गे के पास सचिव के साथ कमिश्नर ट्राईबल का भी प्रभार था। सोनमणि बोरा को अब इस विभाग का प्रमुख सचिव बनाए जाने के बाद नरेद्र दुग्गे सचिव आदिवासी, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग कल्याण से हट जाएंगे। उनके पास अब सिर्फ कमिश्नर ट्राईबल का चार्ज रहेगा। सोनमणि बोरा 1999 बैच के आईएएस हैं। दिल्ली डेपुटेशन पर जाने के दौरान वे सिकरेट्री राजभवन और लेबर थे।

आईएएस सोनमणि बोरा छत्तीसगढ़ कैडर के 1999 आईएएस अफसर हैं। वे मूलतः असम के रहने वाले है। सोनमणि बोरा का जन्म माजुली द्वीप में हुआ जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। सोनमणि बोरा का जन्म 1 अप्रैल 1976 को असम के नगांव जिले के पुरानी बस्ती गोदाम में हुआ था। उनके पिता का नाम जादब बोरा व माता का नाम कराबी बोरा है। सोनमणि बोरा के पिता प्रख्यात पत्रकार, शिक्षक, लेखक व उपन्यासकार थे। उनका चयन सिविल सेवा में हुआ था। पर साहित्य में रुचि के चलते कुछ समय सिविल सेवक की नौकरी कर उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। उन्होंने कई चर्चित उपन्यास लिखे थे।

सोनमणि बोरा की स्कूली शिक्षा गुवाहाटी असम से हुई। उन्होंने 1993 में कॉटन स्कूल से कला स्ट्रीम से बारहवीं बोर्ड में असम राज्य में टॉप किया। जिसके बाद वे ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली चले गए। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी की राजमस कॉलेज से वर्ष 1996 में स्नातक की डिग्री ली। फिर 1998 में सेंटर फॉर पॉलिटिकल स्टडीज जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उन्होंने नेट– जेआरएफ की परीक्षा भी क्वालीफाई की है।

सोनमणि बोरा छत्तीसगढ़ कैडर के 1999 बैच के आईएएस है। उन्होंने 20 सितंबर 1999 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। नौकरी की शुरुआत उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में सहायक कलेक्टर पद पर बतौर प्रशिक्षु आईएएस शुरू की। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने पर उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुन लिया। छत्तीसगढ़ कैडर मिलने पर उनकी पहली पोस्टिंग दुर्ग जिले में हुई। जहां वे अविभाजित दुर्ग जिले में दुर्ग, साजा और बेमेतरा में एसडीएम के तौर पर पदस्थ रह कर काम किए। वे बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर, गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (उस वक्त राज्य विश्वविद्यालय) के रजिस्ट्रार की कुर्सी भी सम्हाली। ज्ञातव्य है कि सिम्स मेडिकल कॉलेज पहले जीजीयू यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आता था। मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग व हॉस्टल की बिल्डिंग का निर्माण बोरा के कार्यकाल में ही हुआ। वे बिलासपुर में जिला पंचायत सीईओ के रूप में भी कार्य कर चुके है। उन्होंने रायपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ व रायपुर निगम आयुक्त का कार्यभार भी सम्हाला। सोनमणि बोरा छत्तीसगढ़ के सरगुजा, जांजगीर– चांपा, कबीरधाम, रायपुर व बिलासपुर जिलों में कलेक्टर रह चुके हैं। इसके अलावा वे बिलासपुर संभाग के कमिश्नर रहें है।

सोनमणि बोरा को कलेक्टर रहने के अलावा विभिन्न मंत्रालयों में भी सेवा दे चुके हैं। सोनमणि बोरा छत्तीसगढ़ राज्य के जनसंपर्क निदेशक, राज्यपाल के सचिव एवं संयुक्त सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर, श्रम आयुक्त एवं निदेशक, कर्मचारी बीमा सेवाएं, सचिव संसदीय कार्य विभाग के पदों पर भी पदस्थ रहकर सेवा दी है। 2016 में वे भारत सरकार के संयुक्त सचिव के रूप में सूचीबद्ध हुए। वे रेडक्रास सोसायटी छत्तीसगढ़ बॉस्केटबॉल संघ, छत्तीसगढ़ फेंसिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष व भारतीय तलवारबाजी संघ दिल्ली के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके है। अगस्त 2021 में उन्हें केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने संयुक्त सचिव भूमि संसाधन विभाग के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पांच साल के लिए भेजा था। जहां से वे अपना डेपुटेशन पहले समाप्त कर लौट आए है। बोरा ने २०१८-19 मैक्सवेल स्कूल ऑफ सिटीजनशिप एंड पब्लिक अफेयर्स सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क, यूएसए में मास्टर (ईएमपीए) के लिए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है।

कई अवार्ड है बोरा के खाते में: सोनमणि बोरा के खाते में कई उपलब्धियां है। कवर्धा कलेक्टर रहते कवर्धा में गन्ना उत्पादन और चीनी कारखाने के प्रबंधन को लोकप्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद दिल्ली से 2007 में गौरव पुरुस्कार मिला। जनगणना 2011 में बिलासपुर कलेक्टर रहते उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रपति द्वारा रजत पदक से पुरुस्कृत। 2006 में कबीरधाम कलेक्टर रहते एक ही दिन ( चार सितंबर 2006) जनभागीदारी से ग्यारह घंटे में 37 लाख 41 हजार 133 पौधे लगा कर विश्व रिकार्ड बनाया। वृक्षारोपण अभियान को “वृक्षमित्र महा अभियान” का नाम दिया गया था। इसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में स्थान मिला।

छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यावरण,पारिस्थितिकी संतुलन,पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण और पर्यावरण जागरूकता के क्षेत्र ने लंबी सेवा के लिए वर्ष 2006–2007 का छत्तीसगढ़ बागवानी सोसाइटी की ओर से राज्यपाल द्वारा कुंवर युद्धवीर सिंह पुरुस्कार प्रदान किया गया। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए विकलांग और वित्त विकास निगम की सर्वश्रेष्ठ राज्यचैन लाइजिंग एजेंसी 2016 और सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरुस्कार 2017 के लिए लगातार दो बार राष्ट्रीय पुरुस्कार। बागवानी और वृक्षारोपण के लिए संघमित्रा रे पुरुस्कार 2003 मिला। बिलासपुर कलेक्टर रहते नरेगा के योजना के कार्यान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रधान मंत्री द्वारा ” स्क्रॉल ऑफ ऑनर”पुरुस्कार मिला। कलेक्टर रायपुर के रूप भी यही पुरुस्कार मिला। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर रहने के दौरान हुडको पुरुस्कार मिला छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को तीसरा ईपीसी विश्व पुरुस्कार 2012 में मिला। कम लागत वाले आवास में विशेष योगदान के लिए छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को एसोचैम उत्कृष्टता पुरुस्कार।

समाज कल्याण विभाग में रहते अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सर्वाधिक लोगों को अलग अलग जगहों पर योग करवाने पर विश्व रिकॉर्ड बनाया। नदी सरंक्षण के लिए लोगो को जागरूक करने हेतु 7 फरवरी 2018 को तेल लैंप और 8 फरवरी 2018 को एक साथ सर्वाधिक लोगों द्वारा शंघ बजाने का रिकार्ड। जल संसाधन में रहते वाटर डाइजेस्ट पुरुस्कार। मिला।

सोनमणि बोरा को कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया ने ई-रजिस्ट्रेशन सिस्टम में बेहतर काम के लिए अवार्ड ऑफ एक्सलेंस के लिए चुनासोनमणि बोरा का विवाह 1998 बैच के भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा की अफसर दर्शनिता बोरा अहलूवालिया से हुआ। उनकी पत्नी प्रतिनियुक्ति पर भोरम देव शक्कर कारखाने की एमडी, जांजगीर डीएफओ व नरेगा आयुक्त रही थी। उनके तीन बच्चे हैं। जिनमें बड़ी सुदर्शिनी है। फिर दो बेटे माधवेश और दक्षेस है।