पूर्व सांसद ताराचंद साहू के बेटे दीपक साहू के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर

एम्बुलेंस से 36 मिनट में भिलाई से रायपुर के निजी हॉस्पिटल पहुंचाया

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस और हेल्थ डिपार्टमेंट ने एक मरीज की जान बचाई है। यह पहला मौका नहीं है, जब दुर्ग पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किसी की जान बचाई हो।

इससे पहले भी रायपुर या अन्य शहरों तक मरीज को रेफर करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इस बार स्पर्श हॉस्पिटल राम नगर भिलाई से राम कृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर तक मरीज को पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। सामान्यतया एक से डेढ़ घंटे में भिलाई से रायपुर तक का सफर हो पाता है। ऐसे में पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 36 किलोमीटर के इस सफर को 36 मिनट में तय किया। स्पर्श हॉस्पिटल राम नगर भिलाई से पूर्व सांसद ताराचंद साहू के बेटे दीपक साहू (48 वर्ष) को हृदय में कोई परेशानी शनिवार को रात में हुई थी, जिसके बाद उन्हें भिलाई में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां स्वास्थ्य सुधार न होने पर ऐम्बुलेंस के माध्यम से राम कृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर भेजा गया है।

क्या होता है ग्रीन कॉरिडोर?

ग्रीन कॉरिडोर एक निश्चित समय के लिए मार्ग को किसी मरीज के लिए खाली कराना या ट्रैफिक कंट्रोल करने को कहते हैं। इसे मेडिकल इमरजेंसी जैसे कि आर्गन ट्रांसप्लांट या मरीज की क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए बनाया जाता है। इसमें दो जिले या दो शहरों की पुलिस मिलकर मरीज को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तेज रफ्तार एंबुलेंस में ट्रांसफर करती है। इसके तहत हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए रास्ते पर आने वाले ट्रैफिक को 60-70 प्रतिशत तक कम करने की कोशिश करती है। जिससे मरीज जल्द से जल्द पहुंच सके।