शादी का वादा करके सेक्स करना हमेशा रेप नहीं होता : दिल्ली हाईकोर्ट

Chhattisgarh Crimes

नयी दिल्ली।  राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाई कोर्ट ( Delhi High Court ) ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले के तहत शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाना हर बार रेप की श्रेणी में नहीं माना जाएगा। दरअसल रेप केस की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। महिला 2008 से लेकर 2015 तक एक पुरुष के साथ रिलेशन में थी. बाद में उस व्यक्ति ने महिला को छोड़ दिया और दूसरी महिला से शादी कर ली. महिला ने आरोप लगाया था कि शादी का वादा करके उसके साथ कई महीनों तक फिजिकल रिलेशन बनाए गए.

पहले ये केस ट्रायल कोर्ट में था. वहां से आरोपी पुरुष को रेप के आरोप से बरी कर दिया गया था. इसके बाद फरियादी महिला ने हाई कोर्ट का रुख किया. अब हाई कोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी है.जस्टिस विभू बाखरू की बेंच ने कहा कि कुछ केस ऐसे होते हैं, जिनमें महिलाएं शादी के वादे में आकर कुछ मौकों पर फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए राजी हो जाती हैं, जबकि इसमें उनकी पूर्ण सहमति नहीं होती. ये ‘क्षणिक’ होता है और ऐसे मामलों में IPC की धारा- 375 (रेप) के तहत केस चलाया जा सकता है.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि महिला की शिकायत के मुताबिक उसने 2008 में आरोपी के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे और इसके तीन या चार माह बाद उसने उससे शादी करने का वादा किया। इसके बाद वह लड़के के साथ रहने लगी थी। न्यायालय ने कहा है कि महिला ने शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि वह दो बार गर्भवती हुई। लेकिन आरोपी के बच्चे की चाहत नहीं होने के चलते उसने दवाई लाकर दी जिससे गर्भपात में उसे मदद मिली।