छत्तीसगढ़ में झमाझम बारिश : बिलासपुर में कई घरों में घुसा पानी, CM का दौरा रद्द

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय हो गया है। राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में बारिश हो रही है। खासकर सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर में भी जमकर बरसात हो रही है। बस्तर में खराब मौसम की वजह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दौरा रद्द हो गया है। सीएम सुकमा और जगदलपुर के कार्यक्रमों में वर्चुअली शामिल होंगे।

राजधानी रायपुर में देर रात तेज बारिश हुई है और रविवार सुबह से ही बादल छाए हुए हैं और हल्की बारिश हो रही है। मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से उत्तर तटीय ओडिशा तक एक चक्रीय चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक है और एक द्रोणिका पंजाब से उत्तर पश्चिम बंगाल तक बनी हुई है। इसलिए पूरे छत्तीसगढ़ में आज हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

चिरमिरी में पहली बारिश से इंतजामों की पोल खोलता एक वीडियो सामने आया है,जिसमें नालियां जाम होने की वजह से बारिश का पानी सड़कों में बह रहा है। पानी का फोर्स इतना तेज था कि यहां सड़क पर खड़ी एक बाइक और मोपेड तेज बहाव में बहने लगा, जिसे सम्भालने के लिए वहां लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। कोरिया जिले में 86.4 मिलीमीटर बारिश पिछले दिनों रिकॉर्ड की गई थी।

प्रदेश के बिलासपुर जिले का भी हाल कुछ ऐसा ही दिखाई दिया। जहां बारिश ने निगम के इंतजामों की पोल खोल दी। निकासी नहीं होने की वजह से नालियों का पानी लोगों के घरों में भर गया है। करोड़ों खर्च करने के बावजूद पहली ही बारिश में जलभराव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ा। दुर्ग जिले में भी बीती रात के बाद आज सुबह भी रिमझिम बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने यहां अगले 24 घंटों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है।

सड़क पर तीन फीट तक बह रहा पानी।

इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी

प्रदेश में अगले 24 घंटों के लिए बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव और गरियाबंद जिले में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। जबकि अगले 48 घंटों में बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलौदाबाजार,गरियाबंद, धमतरी, बस्तर और महासमुंद जिले में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

इन इलाकों में बिजली गिरने की आंशका जतायी गई

अगले 72 घंटों में सरगुजा संभाग के सभी जिलों में और रायगढ़ कोरबा और जांजगीर में गरज चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई गयी है। इसके लिए लोगों को अलर्ट किया गया है कि पेड़ों के नीचे ना खड़े रहे। बादल गरजने की आवाज सुनने के बाद घर के भीतर जाएं या सुरक्षित पक्के स्थानों की तलाश करें। अगर कोई स्थान नहीं मिल रहा तो तुरंत घुटने मोड़कर उखडू होकर बैठ जाएं।